बदायूं में छह साल पहले सपा सरकार में दर्ज हुए बलवे के मुकदमों को शासन ने लिया वापस Badaun News

इस्लामनगर थाना क्षेत्र के कस्बा नूरपुर पिनौनी में सपा शासन में दर्ज बलवा का मुकदमा राज्य सरकार ने राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित मानते हुए वापस ले लिया है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Mon, 10 Feb 2020 09:58 AM (IST) Updated:Mon, 10 Feb 2020 07:18 PM (IST)
बदायूं में छह साल पहले सपा सरकार में दर्ज हुए बलवे के मुकदमों को शासन ने लिया वापस Badaun News
बदायूं में छह साल पहले सपा सरकार में दर्ज हुए बलवे के मुकदमों को शासन ने लिया वापस Badaun News

विवेक दीक्षित, बदायूं : इस्लामनगर थाना क्षेत्र के कस्बा नूरपुर पिनौनी में सपा शासन में दर्ज बलवा का मुकदमा राज्य सरकार ने राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित मानते हुए वापस ले लिया है। राज्यपाल की ओर से भी फैसले को हरी झंडी मिल गई है। अब न्यायालय में सहायक अभियोजन अधिकारी ने मुकदमा वापस लेने की अर्जी लगाई है।

छह साल पहले हुआ था बवाल

19 दिसंबर 2013 की रात नूरपुर पिनौनी कस्बे से सटे खेतों में दर्जन भर से अधिक घुमंतू पशुओं का वध करके तस्कर मांस उठा ले गए थे। 20 दिसंबर 2013 की सुबह जब लोगों ने पशुओं के अवशेष देखे तो गुस्सा फैल गया। इसको लेकर पुलिस और जनता के बीच विवाद बढ़ गया और लोगों ने इस्लामनगर पुलिस की गाड़ी में भी आग लगा दी थी। यह सब उस दिन घटा जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जिला मुख्यालय पर थे।

बलवे का मुकदमा प्रभारी निरीक्षक उदयभान सिंह ने जुबानी कायम कराया। जिसमें 24 लोग नामजद एवं 200 अज्ञात थे। मुकदमा धारा 147, 148, 149, 307, 341, 342, 436, 332, 353, 427 सहित विभिन्न धाराओं में कायम हुआ। पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र भी भेज दिया।

सपा शासन में भी मुकदमा राजनीति से प्रेरित होकर लिखाने की आवाज उठी। लेकिन इसे अनुसना कर दिया गया। इसके बाद सूबे में सत्ता परिवर्तन हुआ और मुकदमे के मुख्य आरोपी कमल दीक्षित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुकदमा वापसी की गुहार लगाई।

इस्लामनगर के नूरपुर पिनौनी में 2013 में हुए बलबे के मुकदमे को सरकार ने वापस करने का निर्णय लिया है। शासन का पत्र आया है, अभियोजन अधिकारी के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत किया गया है। अब इस पर कोर्ट फैसला करेगी। - कुमार प्रशांत, जिलाधिकारी

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