Pilibhit Tiger Reserve में बाघों के लिए लगाए गए 600 कैमरे Pilibhit News

टाइगर रिजर्व की बराही व हरीपुर रेंज के जंगल में बाघ गणना की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए लगभग 600 ट्रैस कैमरे लगाए गए हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sat, 08 Feb 2020 08:41 PM (IST) Updated:Sat, 08 Feb 2020 08:41 PM (IST)
Pilibhit Tiger Reserve में बाघों के लिए लगाए गए 600 कैमरे Pilibhit News
Pilibhit Tiger Reserve में बाघों के लिए लगाए गए 600 कैमरे Pilibhit News

जेएनएन, पीलीभीत : टाइगर रिजर्व की बराही व हरीपुर रेंज के जंगल में बाघ गणना की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए लगभग 600 ट्रैस कैमरे लगाए गए हैं। ये सभी कैमरे लगातार 35 दिन तक लगे रहेंगे। फिर इन कैमरों में कैद डाटा का विश्लेषण किया जाएगा। इसके बाद महोफ व माला रेंज में कैमरे लगाने का कार्य शुरू होगा।

पिछले साल हुई गणना के परिणाम अधिकृत रूप से पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन ने घोषित नहीं किए थे। हालांकि, दिल्ली में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण स्तर से घोषित परिणाम के आधार पर पीटीआर में 65 बाघों की मौजूदगी बताई गई थी। अब फिर बाघ गणना काम शुरू हो गया है। इस बार की गणना पूरी होने के बाद स्पष्ट हो सकेगा कि वर्तमान में बाघों की संख्या कितनी बढ़ी या घटी। इसकी तैयारियां जनवरी के अंतिम सप्ताह में ही शुरू हो गई थीं।पहली फरवरी से कैमरे लगाने का कार्य भी शुरू करा दिया था।

बाघ गणना के लिए ट्रैस कैमरे उपलब्ध कराने का कार्य वल्र्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की ओर से किया जाता है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के सीनियर प्रोजेक्ट अफसर नरेश कुमार के अनुसार आठ सदस्यीय टीम कैमरों की मॉनीटरिंग करेंगे। जंगल में किसी स्थान पर कोई कैमरा अगर खराब हो जाता है तो उसे बदलने, डाटा डाउनलोड करने और फिर मिलान करके विश्लेषण करने का कार्य टीम करेगी। पीटीआर प्रशासन के मुताबिक, इसके बाद महोफ व माला रेंज में कैमरे लगाने का कार्य शुरू किया जाएगा।

जंगल की भौगोलिक स्थिति पर एक नजर 

जंगल का कुल क्षेत्रफल : 73 हजार 24.98 हेक्टेयर

जंगल की कुल लंबाई : 60 किमी

जंगल की कुल चौड़ाई : 15 किमी

जंगल में रेंज- बराही, हरीपुर, महोफ, माला और दियोरिया।

जंगल किनारे बसे कुल गांव : 275

जंगल से सटे बसे गांव : 100

दो रेंज में बाघ गणना के लिए कैमरे लग चुके हैं। ये सभी कैमरे 35 दिन तक लगे रहेंगे। इस अवधि के पूरा होने के बाद कैमरों से डाटा को डाउनलोड करके विश्लेषण की प्रक्रिया शुरू होगी। - डॉ. एच. राजामोहन, फील्ड डायरेक्टर, पीटीआर 

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