बरेली में छिपी नेपाल से रामपुर तक चरस की तस्करी कराने वाली नेपाली सरगना Bareilly News

नेपाल से रामपुर तक चरस तस्करी करने वाले गिरोह ने जिस एंबुलेंस का सहारा लिया वह फर्जी पाई गई। जांच में पता चला कि वह निजी वैन थी।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 04 Mar 2020 03:10 AM (IST) Updated:Wed, 04 Mar 2020 08:31 AM (IST)
बरेली में छिपी नेपाल से रामपुर तक चरस की तस्करी कराने वाली नेपाली सरगना Bareilly News
बरेली में छिपी नेपाल से रामपुर तक चरस की तस्करी कराने वाली नेपाली सरगना Bareilly News

 बरेली, जेएनएन : नेपाल से रामपुर तक चरस तस्करी करने वाले गिरोह ने जिस एंबुलेंस का सहारा लिया वह फर्जी पाई गई। जांच में पता चला कि वह निजी वैन थी। पुलिस को गच्चा देने के लिए उस पर एंबुलेंस का रंग चढ़ा दिया गया। सायरन, बत्ती लगवाकर एंबुलेंस लिखवा दिया। मंगलवार को तीनों तस्करों को जेल भेज दिया गया। अब नेपाली सप्लायर रितु चौधरी की तलाश हो रही है। माना जा रहा है कि गिरोह की दो महिलाओं के साथ वह भी बरेली आई थी मगर छापेमारी की भनक होते ही वहां से खिसक गई।

स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने सोमवार को पीलीभीत रोड स्थित मेडिकल कॉलेज के पास से रामपुर के चरस सप्लायर फिरोज, नेपाल के जिला कैलाली के भजनी गांव निवासी रूपा और विसना को गिरफ्तार किया था। रूपा पेट में चरस की पोटली बांधकर फिरोज के फर्जी एंबुलेंस में लेट जाती थी। इसके बाद वे बेरोकटोक बरेली से रामपुर तक चले जाते। वहां से दिल्ली व उत्तराखंड के लिए चरस सप्लाई कर दी जाती थी।

रितु चौधरी की तलाश

एसटीएफ का कहना है कि नेपाल में रहने वाली रितु चौधरी पूरे गिरोह की सरगना है। वह सप्लायर है। गिरोह की महिलाएं उसकी के कहने पर चरस बरेली और रामपुर तक ले जातीं। वहां फिरोज डिलीवरी लेकर दूसरों को देता। रितु का फोन नंबर एसटीएफ को मिला मगर बंद है।

जगह जगह दी गई कई दबिश

रितु चौधरी के शहर में छिपे होने की सूचना पर सोमवार रात से मंगलवार शाम तक छापेमारी होती रहीं। अभी उसका सुराग नहीं लगा है।

30 हजार की चरस 90 हजार में बिक्री

फिरोज ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह रामपुर चरस पहुंचने के बाद महिला तस्करों को 30 हजार किलो के हिसाब भुगतान करता था। इसके बाद फुटकर बिक्री में एक किलो चरस 90 हजार में बेचता था।

रितु की तलाश की जा रही है, उसका मोबाइल बंद जा रहा है जल्द ही उसकी गिरफ्तारी कर नेटवर्क को ध्वस्त किया जाएगा।

-अजय पाल, प्रभारी एसटीएफ 

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