बरेली में नायब नाजिर के दस्तावेज दबाने वालों में हलचल, जांच में खुलेंगे अधिकारियों के नाम
मीरगंज में तैनात रहे नायब नाजिर शशिकांत के खिलाफ कमिश्नर की जांच में 21 लाख रुपये गबन की पुष्टि की गूंज शासन तक हो गई। अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त ने डीएम से पूरे मामले की बिंदुवार जानकारी मांगी है।
जेएनएन, बरेली। मीरगंज में तैनात रहे नायब नाजिर शशिकांत के खिलाफ कमिश्नर की जांच में 21 लाख रुपये गबन की पुष्टि की गूंज शासन तक हो गई। अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त ने डीएम से पूरे मामले की बिंदुवार जानकारी मांगी है। माना जा रहा है कि इसके बाद नायब नाजिर के साथ कुछ और अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
मीरगंज के नायब नाजिर के खिलाफ शुरू हुई जांच में सामने आया कि वर्ष 2015-16 और वर्ष 2016-17 के दौरान 868745 रुपये की सरकारी रकम जमा नहीं की। कमिश्नर रणवीर प्रसाद की जांच में खतौनी के पैसे में हेराफेरी की पुष्टि हुई। रजिस्टर नंबर चार के अनुरुप रजिस्टर नंबर सात में रकम नहीं चढ़ाई गई। गबन की राशि 21 लाख रुपये से भी अधिक होने की आशंका जताई गई। इसके अलावा उनके खिलाफ कई और भी वित्तीय गड़बड़ी सामने आईं थी।
नायब नाजिर शशिकांत को 26 जुलाई 2017 को निलंबित कर दिया गया था। लेकिन इस प्रकरण में बड़ा घोटाला होने की आशंका जताते हुए उच्चाधिकारियों ने लेखा टीम से इसकी जांच कराए जाने के निर्देश दिए। सितंबर 2017 में इस प्रकरण की विशेष जांच के लिए चार सदस्यीय विशेष टीम भी भेजी गई थी, लेकिन तत्कालीन एसडीएम और तहसीलदार ने जांच टीम को रिकार्ड ही उपलब्ध नहीं कराए। इस वजह से इसकी जांच भी नहीं हो सकी। इसके बाद यह मामला लंबे समय तक ठंडा पड़ा रहा।
दो साल से दबे दस्तावेज एसडीएम राजेश ने सौंपे
15 जुलाई 2019 में राजस्व परिषद के कड़े निर्देश के बाद तहसीलदार मीरगंज को एक बार फिर से मामले से संबंधित रिकार्ड पेश करने को कहा गया, ताकि लेखा टीम लंबे समय से लटके इस घोटाले की सच्चाई को उजागर कर सके।
इसके बाद 27 जुलाई को लेखा टीम फिर से मीरगंज पहुंची लेकिन अधिकारियों ने पूरे अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए। एसडीएम तैनात हुए राजेश चंद्र ने इस प्रकरण से संबंधित सभी रिकार्ड डीएम को सौंपे। मीरगंज तहसील में हलचल बढ़ी अब अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त अनिल कुमार यादव ने डीएम नितीश कुमार से नायब नाजिर पर लगे आरोपों में हुए जांच के दस्तावेज मांगे हैं। शासन से जांच मांगे जाने के बाद चर्चा है कि दो साल तक दस्तावेज दबाए रहे अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। इसलिए सोमवार को मीरगंज तहसील में हलचल रही।
अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त को जानकारी भेजी जा रही है। नायब नाजिर पर जांच बैठाई गई। जिसमें गड़बड़ियां भी सामने आईं है। - नितीश कुमार, डीएम बरेली