बरेली में शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सायम बोले- हमारा विरोध सुन्नी, देवबंदी से नहीं बल्कि सरकार से है
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सायम मेहंदी शनिवार को धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शहर पहुंचे। पीलीभीत बाईपास स्थित सैय्यद वजाहत हुसैन रिजवी के आवास पर पत्रकारों से रूबरू हुए। बोले सरकार ने साझा शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड गठन का फैसला लिया है
बरेली, जेएनएन। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सायम मेहंदी शनिवार को धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शहर पहुंचे। पीलीभीत बाईपास स्थित सैय्यद वजाहत हुसैन रिजवी के आवास पर पत्रकारों से रूबरू हुए। बोले, सरकार ने साझा शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड गठन का फैसला लिया है, जिसका हम विरोध करते हैं। हमारा विरोध सुन्नी देवबंदी हनफी या अन्य मसलकों से नहीं बल्कि सरकार से है। हमारी समस्या को सुलझाने के लिए सरकार को हमसे बात करनी होगी। मौलाना सायम मेहंदी ने कहा कि हमने शिया समुदाय के हुकूक की हिफाजत करने के लिए वर्ष 2005 में शिया वक्फ बोर्ड का गठन किया था।
सरकार से हम मांग करते हैं कि शिया सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड बनाने की जगह दोनों की समस्याओं को अलग-अलग ही हल किया जा सकता है। हम जागरूक समाज हैं, सरकार हमारी समस्याओं को सुलझाने के लिए हमसे बात करें। किसी को दूसरे मजहब पर टिप्पणी करने का हक नहीं है। समस्याओं को लेकर हमारा विरोध सरकार से है, अन्य किसी मसलक से नहीं। इस मौके पर कलीम हैदर नकवी सैफी, सरवर हुसैन काशिफ, सैय्यद दिलावर अब्बास नकवी, सैय्यद शाह आलम नकवी, अमान अली, जैगम अब्बास, अमन, गुलफाम रिजवी मौजूद आदि रहे।
शिया समुदाय में तलाक की प्रक्रिया बेहद कठिन मौलाना सैय्यद सायम मेहंदी ने कहा कि शिया समुदाय में निकाह की प्रक्रिया आसान है, जबकि तलाक की प्रक्रिया बहुत कठिन है। यही वजह है कि हमारे समुदाय में तलाक के प्रकरण बहुत कम होते हैं। अगर कुछ तलाकशुदा महिलाएं यदि हैं भी तो हमारा बोर्ड हर संभव मदद और उनकी समस्याओं को सुलझाने में प्रयास कर रहा है। उन्होंने दो कार्यकारिणी सदस्य कलीम हैदर नकवी सैफी और सैय्यद यूसुफ रजा रिजवी को बनाया है।