बाजार में महंगे दाम पर बिक रहे थे मास्क, दूसरों की सांसे बचाने के लिए छात्रा ने उठाया बीड़ा

कोरोना के कारण उनकी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई तो वह बाजार में मास्क खरीदने पहुंची। मेडिकल शॉप्स पर भी सामान्य मास्क ऊंचे दामों पर बिक रहे हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 10 Apr 2020 05:03 PM (IST) Updated:Fri, 10 Apr 2020 05:03 PM (IST)
बाजार में महंगे दाम पर बिक रहे थे मास्क, दूसरों की सांसे बचाने के लिए छात्रा ने उठाया बीड़ा
बाजार में महंगे दाम पर बिक रहे थे मास्क, दूसरों की सांसे बचाने के लिए छात्रा ने उठाया बीड़ा

बरेली, जेएनएन : मन में हौंसला हो तो कुछ भी करना असंभव नहीं है। इसी वाक्य को सच कर दिखाया है नवाबगंज निवासी छात्रा शीलत गुप्ता ने। कोरोना वायरस के संक्रमण के लोगों को बचाने के लिए उन्होंने अपने स्तर पर मुहिम शुरू की। थैलों (कैरी बैग) को सैनिटाइज कर मास्क बना दिए। अब घर के बाहर राहगीरों को निश्शुल्क मास्क बांट रही हैं। साथ ही उन्हें टोककर घर में रहने की हिदायत देती हैं।

नवाबंगज के मुहल्ला नौबतगंज निवासी शीतल गुप्ता रुहेलखंड विश्वविद्यालय से एमए कर रही हैं। कोरोना के कारण उनकी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई तो वह बाजार में मास्क खरीदने पहुंची। मेडिकल शॉप्स पर सामान्य मास्क ऊंचे दामों पर बिक रहे हैं। देखा कि सामान्य मास्क को सिर्फ कपड़े से बनाए गए हैं। तब उन्होंने घर आकर परिवार में बात की। घर में मास्क बनाने का परिवार ने समर्थन कर दिया। और वह घर बैठे ही दूसरों की सांसे बचाने के कार्य में जुट गई।

पांच किलो थैले खरीदकर शुरू किया काम

घर के पड़ोस की फैक्ट्री से पांच किलो थैले खरीदे। यह वह थैले हैं जो पॉलीथिन बंद होने पर बाजार से सामान लाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। उन्होंने मां ममता गुप्ता, भाई ऋतिक व प्रिंस की मदद से थैलों को कैंची और सिलाई मशीन के माध्यम से मास्क में तब्दील कर दिया।

नेट पर मास्क की जानकारी जुटाई

शीतल ने बताया कि मास्क बनाने से पहले उसकी जानकारी जुटाना जरूरी था। इंटरनेट पर काफी खोजबीन की। पता चला कि सामान्य का मास्क भी कोरोना के वायरस को रोकने में कारगर है। डॉक्टरों ने भी इसमें हामी भर दी। मास्क बनाने से पहले अपने हाथों को सैनिटाइज करते हैं। मास्क तैयार करने के बाद उन्हें भी सैनिटाइज किया जाता है। तीन सौ भी ज्यादा मास्क बनाकर बांट चुकी हैं।

सबसे पहले पुलिस को बांटे मास्क

मास्क तैयार करने की प्रक्रिया में कतरन भी नहीं बचती। क्योंकि वह कतरन से मास्क की डोरी बना देती हैं। उन्होंने नवाबगंज थाने में पुलिस कर्मियों को 30 मास्क दिए। शीतल कहती हैं कि पुलिसकर्मी दिनरात योद्धा की तरह हमारी सुरक्षा के लिए तैनात हैं। इसलिए सबसे पहले पुलिस कर्मियों को मास्क दिए।  

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