दूसरो की सुरक्षा का दावा करने वाली पुलिस के हिडन कैमरे गायब, वर्दी में रहते थे लैस

तीन साल पहले शहर की चीता पुलिस को घटित घटनाओं के साक्ष्य संकलन के लिए दिए थे। ये कैमरे चीता पुलिस की लापरवाही से गायब हो गए है। कैमरे नहीं होने के कारण घटनास्थल पर होने वाले मामलों को अब चीता पुलिस कैमरे में कैद नहीं कर पाती है

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 01:20 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 01:20 PM (IST)
दूसरो की सुरक्षा का दावा करने वाली पुलिस के हिडन कैमरे गायब, वर्दी में रहते थे लैस
पुलिस की लापरवाही और अधिकारियों की उदासीनता के चलते ये कैमरे गायब हो गए हैं

बरेली, जेएनएन।  तीन साल पहले शहर की चीता पुलिस को घटित घटनाओं के साक्ष्य संकलन के लिए दिए थे। ये कैमरे चीता पुलिस की लापरवाही से गायब हो गए है। कैमरे नहीं होने के कारण घटनास्थल पर होने वाले मामलों को अब चीता पुलिस कैमरे में कैद नहीं कर पाती है। ऐसे में कई बार पुलिस पर आरोप भी लगते हैं और हकीकत भी सामने नहीं आ पाती है। जबकि ये कैमरे वर्दी पर लगे होते थे तो घटना स्थल पर पहुंचते ही सब कुछ कैमरे में कैद हो जाता था। इससे न सिर्फ मौके पर घटित घटना के साक्ष्य संकलित हो जाते थे बल्कि घटना को अंजाम देने वाले न तो मुकर पाते थे और न ही पुलिस पर कोई आरोप लगा पाते थे। वही पुलिस भी ज्यादती नहीं कर पाती थी। अधिकारियों को शक होने पर वह इन कैमरों की रिकार्डिंग को देखते थे जिससे पूरा का पूरा माजरा समझ में आ जाता था लेकिन पुलिस कर्मियों की लापरवाही और अधिकारियों की उदासीनता के चलते ये कैमरे गायब हो गए हैं। ऐसे में आए दिन पुलिस पर आरोप लगने के मामले सामने आते हैं।  

साक्ष्य संकलन के लिए बनते थे सबूत

चीता पुलिसकर्मियों को दिए गए ये हिडन कैमरे अत्याधुनिक तकनीकी वाले थे। ये वर्दी में फिट रहते थे। इन कैमरों की रिकॉर्डिंग साक्ष्यों और तथ्यों से छेड़छाड़ की संभावना पूरी तरह से खत्म कर देती थी। हालांकि कैमरों के गायब होने के बाद अब चीता पुलिस पर आरोप प्रत्यारोप के मामले सामने आए हैं। 

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