बरेली में एनएचएम में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी

नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) में नौकरी के नाम पर कई युवाओं से ठगी कर ली गई। बुधवार को एक पीड़ित नियुक्ति पत्र व प्रतिभूति धनराशि (सिक्योरिटी मनी) के बारे जानकारी लेने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंचा तब पूरा प्रकरण खुला।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 04:47 AM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 04:47 AM (IST)
बरेली में एनएचएम में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी
बरेली में एनएचएम में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी

जागरण संवाददाता, बरेली: नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) में नौकरी के नाम पर कई युवाओं से ठगी कर ली गई। बुधवार को एक पीड़ित नियुक्ति पत्र व प्रतिभूति धनराशि (सिक्योरिटी मनी) के बारे जानकारी लेने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंचा, तब पूरा प्रकरण खुला।

शहर में रहने वाले पंकज कुमार ने बताया कि कुछ दिन पहले एक विज्ञापन के जरिये एनएचएम में विभिन्न पदों की भर्ती की जानकारी मिली। उस पर दिए फोन नंबर पर काल की तो बात करने वाले ने वाट्सएप पर एक वेबसाइट का लिंक दिया। उसी पर आनलाइन आवेदन किया। 250 रुपये पंजीकरण शुल्क जमा कराया गया। इसके पांच दिन बाद नियुक्ति पत्र घर आ गया। जिसमें लिखा था कि वरीयता के आधार पर आपका चयन हो गया है। अब आपको प्रतिभूति राशि जमा करनी होगी, तभी यह मान्य हो सकेगा। पंकज को इतनी जल्दी नियुक्ति पत्र आने और प्रतिभूति राशि मांगे जाने पर आशंका हुई तो बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंचे। वहां स्टाफ से बात की तो पता चला कि ऐसी कोई नियुक्ति नहीं निकली है। आवेदन, पंजीकरण आदि फर्जी है। पंकज का कहना था कि उसके कई परिचित आवेदन कर चुके।

मोबाइल नंबर के जरिए लिक पर कई पदों के लिए आवेदन

ठगों के नंबर पर फोन करने पर एक लिक युवाओं को दिया गया। ठ्ठद्धद्व.द्बठ्ठ.ठ्ठद्गह्ल वेबसाइट पर सिक्योरिटी का चिह्न भी बना था। फर्जी वेबसाइट पर स्वास्थ्य मंत्री और कुछ माननीयों के फोटो भी जालसाजों ने लगा रखी थीं। जबकि सरकारी भर्ती सीधे मंत्रालय या शासन के जरिए विज्ञापन के तौर पर निकलती हैं। स्थानीय स्तर से होने वाली भर्ती मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नाम पर जारी होती है।

इन पदों के लिए वेतन के साथ था झांसा

लैब टेक्नीशियन के लिए करीब 16 हजार, सीनियर लैब टेक्नीशियन के लिए 13 हजार, फार्मासिस्ट के लिए साढे आठ हजार से साढ़े 26 हजार। प्रोग्राम असिस्टेंट के लिए करीब 26 हजार, वाहन चालक के लिए 14 से 18 हजार, साइकेट्रिस्ट नर्स की 24 हजार, नर्स कन्सल्टेंट के लिए 41 हजार, प्रशासन की 24 हजार, टेलीकालर की साढ़े 18 हजार, टेक्नीशियन व इलेक्ट्रीशियन की 17 से 30 हजार, रजिस्टर्ड नर्स की 17 हजार, वार्ड ब्वाय की 12 हजार, स्टोर आफिसर की 20 हजार, कैशियर की 35 से 45 हजार व डेटा इंट्री क्लर्क की करीब 15 हजार रुपये प्रति माह।

एलआइसी और मेडिकल इंश्योरेंस का भी दिया लालच

मोटे वेतन के साथ ही युवाओं को साढ़े तीन लाख रुपये का मुफ्त बीमा और मेडिकल इंश्योरेंस का लालच भी दिया। यह भी लिखकर बरगलाया कि बीमा और मेडिकल इंश्योरेंस की सभी किस्त सरकार देंगी। पालिसी नंबर आदि जांच अधिकारियों को दस्तावेज जांच के बाद ही देने की बात कही।

पद छोटा, वेतन ज्यादा

वेबसाइट पर लेब टेक्नीशियन से सीनियर लैब टेक्नीशियन के अलावा कई अन्य पदों पर कनिष्ठ कर्मचारियों का वरिष्ठों से ज्यादा वेतन दिखाया था। कई अशुद्धियां थीं, जोकि सामान्य तौर पर असली आवेदन पत्र में नहीं होतीं।

पहले भी सामने आ चुके मामले

स्वास्थ्य विभाग में नौकरी के नाम पर ठगी के कई मामले पहले भी सामने आ चुके। सबसे चर्चित मामला 300 बेड अस्पताल से जुड़ा था। तब करीब 50 युवाओं से नौकरी के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी हुई थी। मामले में स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ लिपिक का नाम भी सामने आया था। जिसके बाद पुलिस ने बाबू के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था।

ट्रूकालर में एनएचएम हेड नाम से दिख रहे फोन नंबर

ठगों ने वेबसाइट पर जो नंबर दिए उन पर दैनिक जागरण संवाददाता ने फोन कर देखा। 9310992876 मोबाइल नंबर पर फोन करने पर काल रिसीव नहीं हुई। वहीं, ट्रूकालर पर यह नंबर 'एनएचएम हेड' का दिखा रहा था। इसके अलावा 9310970608 मोबाइल नंबर स्विच आफ बता रहा था।

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जो विज्ञापन दिखाया गया है, सरकारी महकमा इस तरह से कभी जारी नहीं करता। मोबाइल नंबर भी नहीं दिए जाते। विज्ञापन, आवेदन, नियुक्ति पत्र आदि सब फर्जी है। स्वास्थ्य विभाग का इससे कोई सरोकार नहीं है।

- डा.बलवीर सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बरेली

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