Budget 2020 : बाजार को सुस्ती से उबारने के लिए किक स्टार्ट की जरूरत Bareilly News

भारत दुनिया का सबसे बड़ा मध्यम वर्गीय बाजार है। इस लिहाज से यहां इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की काफी आवश्यकता है। सुस्ती से उबारने के लिए किक स्टार्ट की जरूरत है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 28 Jan 2020 11:01 AM (IST) Updated:Tue, 28 Jan 2020 05:42 PM (IST)
Budget 2020 : बाजार को सुस्ती से उबारने के लिए किक स्टार्ट की जरूरत Bareilly News
Budget 2020 : बाजार को सुस्ती से उबारने के लिए किक स्टार्ट की जरूरत Bareilly News

जेएनएन, बरेली : देश इस समय आर्थिक सुस्ती से गुजर रहा है। ऐसे में सभी की नजरें एक फरवरी को आने वाले आगामी आम बजट पर टिकी हुई है। हर व्यक्ति की जरूरत अलग होती है इसलिए उसकी बजट से अपेक्षा भी अलग होती है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा मध्यम वर्गीय बाजार है। इस लिहाज से यहां इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की काफी आवश्यकता है।

बाजार को सुस्ती से उबारने के लिए किक स्टार्ट (जोर देकर आगे बढ़ाने) की जरूरत है। कुछ क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। ये बातें बरेली कॉलेज की डॉ. रीना अग्रवाल ने कहीं। वह सोमवार को कैसा होना चाहिए आम बजट विषय पर आयोजित जागरण विमर्श में अपने विचार रख रही थी।

पांच ट्रिलियन इकोनॉमी बड़ी चुनौती

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि देश में आर्थिक सुस्ती से हालात बने हुए हैं। इससे उत्पादन घटा है, जबकि कई क्षेत्रों में बेरोजगारी बढ़ी है। कुछ नीतियों में बदलाव इसके कारक है। जिससे उबरने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। हालांकि, ऐसे में सरकार का वर्ष 2025 तक पांच ट्रिलियम इकोनॉमी का लक्ष्य हासिल करना बेहद चुनौती पूर्ण होगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की जरूरत

डॉ. रीना ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा मध्यम वर्गीय बाजार है इसलिए पूरी दुनिया की नजर भारतीय बाजार पर रहती है। सरकार ने विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतियों में कुछ रियायत भी दी हैं। हालांकि, विदेशी निवेश बढ़ाने में कोई खास सफलता नहीं मिली। उनका मानना है कि यदि देश में अर्थव्यवस्था को बढ़ाना है तो इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की जरूरत है।

लघु व मध्यम उद्यम पर दिया जाए ध्यान

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हाल ही में स्विटजरलैंड के दासोव में हुए विश्व आर्थिक मंच (वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम) में तीन प्रमुख बिंदु रहे। पहला अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के अनुसार भारत की ग्रोथ दर 4.8 फीसद पर पहुंच गई। जबकि लक्ष्य 6.1 फीसद का था। दूसरा ओक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एक फीसद अमीर आबादी के पास देश की कुल संपत्ति का पचास फीसद से अधिक हिस्सा है।

तीसरा वैश्विक सामाजिक बदलाव सूचकांक में भारत 76वें नंबर पर पहुंच गया है। उनका मानना है कि देश में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट पर ध्यान नहीं है। वहीं, सरकारी फंडिंग भी कम है। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए लघु व मध्यम उद्यम पर ध्यान दिया जाए। बाजार को सुस्ती से उबारने के लिए किक स्टार्ट चाहिए।

इन क्षेत्रों में बढ़ाया जाना चाहिए बजट

सैन्य क्षेत्र

महिला रोजगार

लौह एवं इस्पात इंडस्ट्री ।

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