सम्मान पाने के दूसरे ही दिन स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ धरने पर बैठीं आशा, जानें क्या थी वजह
Asha Sat on Dharna Against Bareilly Health Department स्वास्थ्य विभाग के रंग भी निराले है। एक दिन पहले हजारों रुपये खर्च कर धूमधाम के साथ जिन आशाओं का सम्मान किया जाता है। अगले ही दिन वही आशाएं मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ जाती हैं।
बरेली, जेएनएन। Asha Sat on Dharna Against Bareilly Health Department : स्वास्थ्य विभाग के रंग भी निराले है। एक दिन पहले हजारों रुपये खर्च कर धूमधाम के साथ जिन आशाओं का सम्मान किया जाता है। अगले ही दिन वही आशाएं मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के बाहर जमीन पर धरने पर बैठ जाती हैं और विभाग के खिलाफ घंटों नारेबाजी करती हैं। आरोप है कि स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों की शह पर ब्लाक स्थित सीएचसी और पीएचसी पर उनसे व मरीजों से भी मोटी उगाही होती है। यहां तक कि बिना कमीशन दिए खाते में मानदेय तक नहीं आता।
आशा संगठन की जिलाध्यक्ष रामश्री गंगवार ने बताया कि साल में एक दिन आशाओं का सम्मान किया जाता है। लेकिन इसके अलावा हर रोज जिले के ग्रामीण क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में प्रसव के लिए गर्भवती महिला पहुंचने पर कमीशन की मांग की जाती है। यही हाल जिला महिला अस्पताल का भी है। यही नहीं, हर महीने बाउचर के जरिए 2500 रुपये का मानदेय भी तभी मिलता है।
जब सीएमओ आफिस या ब्लाक में कमीशन के तौर पर 500 रुपये एडवांस देते हैं। आशा कार्यकर्ताओं ने सरकारी कर्मचारी घोषित कर उसी अनुरूप वेतन की भी मांग की। वहीं, आशा संगिनियों ने भी चुनाव से पहले घोषणापत्र के अनुसार मानदेय का वादा पूरा करने, कमीशन आधारित प्रोत्साहन राशि की जगह नियमित मानदेय या न्यूनतम वेतन, पीएफ व सेवानिवृत्ति पर न्यूनतम दस हजार रुपये प्रति माह पेंशन व मातृत्व अवकाश की मांग की है। प्रदर्शन की जानकारी पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.बलवीर सिंह कार्यालय पहुंचे और प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन दिया।