बरेली में महिलाओं की जिंदगी से खेल रहे एंबुलेंस चालक

एंबुलेंस चालक निजी हित यानी सुविधा शुल्‍क के लिए महिलाओं को प्रसव के चार से पांच घंटे बाद ही घर छोड़ आते हैं। वह भी बिना स्‍टाफ नर्स या डाक्‍टर की अनुमति के। जबकि नियम है कि नर्स या डाक्‍टर से अनुमति लेना अनिवार्य है।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Sun, 22 Nov 2020 05:14 PM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2020 05:14 PM (IST)
बरेली में महिलाओं की जिंदगी से खेल रहे एंबुलेंस चालक
प्रसव के चार पांच घंटे बाद ही एंबुलेंस चालक महिलाओं को घर छोड़ आते हैं।

बरेली, जेएनएन : एंबुलेंस के चालक निजी स्वार्थ के लिए प्रसूताओं के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। चालक प्रसव के चार से पांच घंटे बाद ही बिना चिकित्सक या स्टाफ नर्स की अनुमति के संस्थागत प्रसव कराने वाली महिलाओं को घर छोड़ आते हैं। जबकि नियम है कि स्टाफ नर्स या डाक्‍टर से अनुमति लेने के बाद ही महिला को उनके घर पर छोड़ा जा सकता है। जल्द छोडऩे की वजह से कई प्रसूताओं की घर पहुंचने के बाद हालत बिगड़ जाती है। मीरगंज सीएचसी प्रभारी ने इस बाबत एक विभागीय पत्र लिखकर मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) से शिकायत की है। ऐसे मामलो की जांच कराकर आरोपों की पुष्टि होने पर स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित कुमार ने आरोपित 102 एम्बुलेंस पायलट के खिलाफ मुख्‍य चिकित्‍‍‍‍सा अधिकारी को कठोर कार्रवाई के लिए लिखा है। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ केंद्र हो या फिर अन्य सीएचसी और पीएचसी स्वास्थ्य  सेवाओं के लिये लगाई गई एंबुलेंस 102 और 108 के चालकों की लापरवाही से स्टाफ भी परेशान हैंं। 

एंबुलेंस चालक को चेताया तो कर दी अभद्रता 

चिकित्साधिकारी डॉ अंबरीश कुमार शर्मा, स्टाफ नर्स सविता व उर्मिला आदि से शिकायतें मिलने पर स्थानीय सीएचसी पर 102 एंबुलेंस चालक योगेंद्र को कई बार चेताया गया। मगर कोई सुधार नहींं हुआ। उल्टा स्टाफ के साथ अभद्रता की जाने लगी। ऐसे में चालक के साथ काम करना मुश्किल हो गया है। 

लापरवाह एंबुलेंस चालक हटाने की मांग 

बिना किसी अनुमति के प्रसूताओं को उनके घर पर छोड़ेे जानेे पर सीएचसी प्रभारी डा. अमित कुमार ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को विभागीय पत्र लिखा है। पत्र मेंं कहा गया है कि कई बार एंबुलेंस चालक को समझाने का प्रयास किया गया। मगर चालक योगेंद्र ने सुधार नहीं किया। जिस कारण इस सीएचसी से एंबुलेंस चालक को हटाया जाना आवश्यक हो गया है। सीएचसी अधीक्षक ने सीएमओ को लिखे पत्र की प्रति 102 व 108 एम्बुलेंस के नोडल व जनपद प्रभारी को भी भेजी है।

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