वर्ष 2004 के बकाये का चेक थमाकर कहा- खाली कर दो घर

इंडियन टरपनटाइन एंड रेजिन (आइटीआर) की बंद फैक्ट्री में घर बचाने की आस लिए कमिश्नर कार्यालय पहुंचे परिवारों को वर्ष 2004 के बकाये का चेक थमाकर घर खाली करने के लिए कहा गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 10:12 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 02:53 AM (IST)
वर्ष 2004 के बकाये का चेक थमाकर कहा- खाली कर दो घर
वर्ष 2004 के बकाये का चेक थमाकर कहा- खाली कर दो घर

बरेली, जेएनएन : इंडियन टरपनटाइन एंड रेजिन (आइटीआर) की बंद फैक्ट्री में घर बचाने की आस लिए कमिश्नर कार्यालय पहुंचे परिवारों को वर्ष 2004 के बकाये का चेक थमाकर घर खाली करने के लिए कहा गया।

कमिश्नर कार्यालय में मंगलवार को पूरनकांत, भागीरथ, महेशराम, काशीराम के परिवार पहुंचे थे। अपर आयुक्त अरुण कुमार से मुलाकात की। उन्हें पहले चर्चा के लिए बुलाया गया, लेकिन ऐन मौके पर वर्ष 2004 के बकाये का चेक थमाया और कहा कि मकान खाली कर फैक्ट्री एरिया के ही दूसरे मकान में शिफ्ट हो जाएं। वहीं, परिवारों का कहना था कि जो चेक मिल रहा वह मूल रकम का है, जबकि ब्याज मूल से काफी अधिक हो चुका है। हालांकि अपर आयुक्त अरुण कुमार ने स्पष्ट किया कि शासन से मूल रकम का चेक ही मिलेगा। अगर घर खाली नहीं किया तो सिटी मजिस्ट्रेट को भेजकर खाली करवा लेंगे। ऐसे में परिवार मायूस होकर लौट गए। मिल रहे बगैर बुनियादी सुविधाओं वाले मकान

आइटीआर फैक्ट्री के बंगला नंबर 11 की जमीन पर 100 बेड के ईएसआइ अस्पताल की जमीन के लिए शासन मुहर लगा चुका है। निर्माण शुरू कराने से पहले यहां रहने वाले परिवारों को दूसरे खाली घरों में शिफ्ट कराने के लिए कहा गया है। सोमवार को अपर आयुक्त अरुण कुमार मौके पर पहुंचे थे। लोगों का विरोध है कि जिन मकानों में शिफ्ट कराया जा रहा है, वहां बिजली-पानी नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने जमीन देखी और बोले जल्दी शुरू हो निर्माण

शनिवार और रविवार को बरेली में ठहरने के बाद केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार दिल्ली जाते समय सोमवार सुबह छह बजे आटीआर फैक्ट्री पहुंचे थे। उनके साथ भाजपा के कुछ अन्य नेता भी थे। उन्होंने स्वीकृत जमीन बंगला नंबर 11 की जमीन का मुआयना किया। उन्होंने कहा कि जल्द यहां निर्माण शुरू होने के बाद रुहेलखंड के लोगों के लिए बड़ी सुविधा मिलेगी।

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