300 Bed Hospital News : बिना मरीज स्टार्टर किट बांटने के मामले में प्रभारी ने कर्मचारियों से पूछा सवाल, कैसे लीक हुई खबर
300 Bed Hospital News आपदा में अवसर ढूंढने वाले अफसरों पर अब कार्रवाई होगी। 300 बेड कोविड अस्पताल में भी बिना मरीज स्टार्टर किट व अन्य चीजें बड़े पैमाने पर जारी की गईं। भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना अलग बात है।
बरेली, जेएनएन। 300 Bed Hospital News : आपदा में अवसर ढूंढने वाले अफसरों पर अब कार्रवाई होगी। 300 बेड कोविड अस्पताल में भी बिना मरीज स्टार्टर किट व अन्य चीजें बड़े पैमाने पर जारी की गईं। भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना अलग बात है अस्पताल के वर्तमान प्रभारी इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि खबरें मीडिया तक कैसे गईं। गड़बड़झाले का पता लगाने की जगह अस्पताल के कार्यवाहक प्रभारी भी कर्मचारियों से यही पूछताछ कर रहे हैं। हालांकि मामला जानकारी में आने के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एसके गर्ग ने कार्यवाहक प्रभारी से अगस्त से जून महीने तक अस्पताल में पहुंची सप्लाई, खपत और शेष आइटम का रिकार्ड तलब किया है।
अब अलग-अलग रहेगी जिम्मेदारी
वहीं इस मामले में मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक के साथ 300 बेड कोविड अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ.सुबोध कुमार शर्मा का कहना है कि पहले पहले संसाधन और उपकरण संबंधी जिम्मेदारी एक ही फार्मासिस्ट के पास थी। अब अलग-अलग जिम्मेदारी दी जाएगी। जिससे रिकार्ड अलग-अलग मेनटेन होगा। वहीं, सभी सामान की लिस्ट चेक कराई जाएगी।
ऑक्सीजन कन्संट्रेटर गायब होने का उठा था मुद्दा
अप्रैल में जब कोरोना के केसों में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई थी तब मरीज और तीमारदार एक ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए भटक रहे थे। इस दौरान 300 बेड कोविड अस्पताल में 50 से ज्यादा आक्सीजन कन्संट्रेटर पहुंचे थे। उधर मरीज और तीमारदार कन्संट्रेटर के लिए मिन्नतें कर रहे थे, इधर अस्पताल के स्टाफ ने कई कन्संट्रेटर गायब कर दिए थे। यह मामला भी स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ प्रशासन तक पहुंचा था। प्रशासनिक अधिकारी की जांच में कुछ आक्सीजन कन्संट्रेटर कम भी मिले थे। बाद में किसी तरह कन्संट्रेटर की गिनती पूरी कर दी गई थी।
300 बेड कोविड अस्पताल वैसे तो फिलहाल जिला अस्पताल का ही हिस्सा है। बावजूद इसके कार्यवाहक प्रभारी डॉ.पवन कपाही से अगस्त से अभी तक पहुंचे और उपयोग किये गए संसाधन और सामान का ब्यौरा मांगा है।- डॉ.एसके गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
मामले में हर अधिकारी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी जाएगी। पहले संसाधन और उपकरण संबंधी जिम्मेदारी एक ही कर्मचारी को दी गई थी। जो भी उपकरण वहां संचालित हो रहे हैं वहीं जो भी सामान खरीदा गया है इस बाबत जानकारी ली जाएगी। डॉ. सुबोध शर्मा, मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना घोटाले की जांच में देरी
बिथरी ब्लाक में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में हुए करीब सवा करोड़ रुपये के घोटाले की फाइनल जांच एक महीने बाद भी पूरी नहीं हो सकी है। प्रकरण में बिथरी ब्लाक में दो हजार से कम आवेदन होने के बावजूद सात हजार से ज्यादा महिलाओं को योजना का लाभार्थी बनाया गया है। एसीएमओ डा. आरएन गिरी ने जांच रिपोर्ट में घोटाले की बात कहते हुए एक डॉक्टर की संलिप्तता का शक भी जताया था। इसके बाद सीएमओ डा. एसके गर्ग ने जिला प्रशासनिक अधिकारी डा.राकेश और ट्रेजरी अफसर को सात दिन में फाइनल जांच रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे।