केंद्र पर चल रहा था कॉपी बदलने का खेल

जागरण संवाददाता, बरेली : धर्मवीर डिग्री कॉलेज नूरपुर बिजनौर में परीक्षा के बाद कॉपी बदलने का मामला स

By Edited By: Publish:Thu, 23 Apr 2015 09:22 PM (IST) Updated:Thu, 23 Apr 2015 09:22 PM (IST)
केंद्र पर चल रहा था कॉपी बदलने का खेल

जागरण संवाददाता, बरेली : धर्मवीर डिग्री कॉलेज नूरपुर बिजनौर में परीक्षा के बाद कॉपी बदलने का मामला सामने आया है। परीक्षा के बाद छात्रों की कॉपी बदलने का खेल चल रहा था। रुहेलखंड विश्वविद्यालय के सचल दल की छापेमारी में यह खुलासा हुआ है। विश्वविद्यालय द्वारा जारी केंद्र व्यवस्थापक के अनुमोदन जब पत्र तलब किया गया तो वो भी नहीं दिखाया गया। यानि जो केंद्र व्यवस्थापक परीक्षा करा रहा था वह भी फर्जी बताया जा रहा है। उत्तर पुस्तिकाओं में भी सामूहिक नकल की पुष्टि हुई है।

बिजनौर के कॉलेजों को लेकर विवि प्रशासन को पहले भी शिकायतें मिल रही थी। गुरुवार को शाम की पाली में बीएससी बॉटनी की परीक्षा चल रही थी। सचल दल जब पहुंचा तो कॉलेज में प्राचार्य नहीं था। केंद्र व्यवस्थापक से पूछताछ हुई थी तो वह विवि द्वार जारी अनुमोदन पत्र नहीं दिखा सका। सचल दल के प्रभारी हरेंद्र कुमार ने केंद्र व्यवस्थापक को फर्जी होने की बात कही है। प्राचार्य को फोन किया गया तो उन्होंने सचल दल का फोन नहीं उठाया। उत्तर पुस्तिकाओं को देखा गया तो चौकाने वाली बात सामने आई। अधिकतर कॉपी में एक जैसे प्रश्न हल थे। उत्तर समान पाए गए। उत्तर पुस्तिकाओं के पेज भी बीच-बीच में खाली पाए। इससे साफ जाहिर होता है कि केंद्र पर खुलेआम नकल कराई जा रही थी। नियमानुसार कॉलेज स्टोर से तीन दिन में उत्तर पुस्तिकाएं संकलन केंद्र भेज दी जानी चाहिए लेकिन कॉलेज ने 16 अप्रैल से कॉपी नहीं भेजी। कॉलेज प्रशासन से जब जवाब तलब किया तब कोई संतोष जनक उत्तर नहीं मिला। कॉपी के शील बंद बंडल देखे गए तो कई बंडल की शील टूटी मिली। इससे साफ जाहिर होता है कि परीक्षा के बाद बंडल से कॉपी निकाली गई और बाद में लिखकर जमा कराई गई। कॉलेज में स्टाफ की संख्या भी काफी कम थी। जब प्राचार्य के बारे में पूछताछ की गई तो पता चला कि प्राचार्य काफी दिनों से कॉलेज आई ही नहीं। सचल दल के प्रभारी हरेंद्र कुमार ने बताया कि केंद्र पर घोर अनियमितताएं मिली हैं। इसकी रिपोर्ट शुक्रवार को कुलसचिव को सौंप दी जाएगी।

वर्जन

-बिजनौर के धर्मवीर डिग्री कॉलेज में परीक्षा में घोर अनियमितताएं सामने आई हैं। सचल दल से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपार्ट के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी। इतना तय है कि मामले को हल्के में नहीं लिया जाएगा। कॉलेज की मान्यता भी समाप्त की जा सकती है।

-एके सिंह, कुलसचिव रुविवि

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