बरेली में खुलेगा आशा ज्योति केंद्र, मिला एक करोड़

जागरण संवाददाता, बरेली : बजट में बरेली को आशा ज्योति केंद्र तो मिल गया, लेकिन हेल्प लाइन के हाथ खाली

By Edited By: Publish:Tue, 24 Feb 2015 09:54 PM (IST) Updated:Tue, 24 Feb 2015 09:54 PM (IST)
बरेली में खुलेगा आशा ज्योति केंद्र, मिला एक करोड़

जागरण संवाददाता, बरेली : बजट में बरेली को आशा ज्योति केंद्र तो मिल गया, लेकिन हेल्प लाइन के हाथ खाली ही रह गए। 'आधी आबादी' ने राज्य सरकार के बजट को लुभावना बताया है। जिसमें सुरक्षा इंतजाम पूरी तरह से नदारद हैं।

समाजवादी सरकार का चौथा बजट रुहेलखंड की आधी आबादी की नजर में चुनावी बजट है। जिसमें महिला सम्मान कोष, आशा ज्योति केंद्र और निराश्रित महिला के बच्चों की शिक्षा के नाम पर आधी आबादी को लुभाने की भरकस कोशिश की गई है। रुहेलखंड की आधी आबादी बजट में महिला सुरक्षा को सिरे से नदारद मानती है। जिसमें वूमेन हेल्प लाइन और आत्म रक्षा प्रशिक्षण जैसे गंभीर मुद्दे पूरी तरह नदारद हैं।

अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की पूर्व सभापति सौभाग्यवती गंगवार कहती हैं कि अखिलेश सरकार ने सूबे की महिलाओं को उत्पीड़न और अपराध से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया है। हेल्प लाइन खोलने का दावा तो किया, लेकिन उसके लिए धेला भी नहीं दिया। सरकार को अपनी इस कमी का एहसास है, इसलिए उसने उत्पीड़न का शिकार होने के बाद घाव पर नमक छिड़ने को आशा ज्योति केंद्रों की स्थापना की व्यवस्था कर दी। इसके जरिए भी आधी आबादी को धोखा देने की कोशिश की गई है, क्योंकि अपराध से पीड़ित महिलाओं को आर्थिक मदद देने की बात करने के बावजूद इस मद में पैसे का इंतजाम नहीं किया।

जिला पंचायत अध्यक्ष नीरू पटेल कहती हैं कि अखिलेश सरकार ने बालिका शिक्षा पर जोर देने की जरूरत तक नहीं समझी। छात्रावास का निर्माण कराकर सत्ता के करीबी ठेकेदारों को पैसा खिलाने का इंतजाम कर दिया गया। जबकि इसकी जगह स्कूल-कॉलेजों में सुरक्षा इंतजाम सख्त करने, बा स्कूलों में सुरक्षा दीवार, बिजली और पानी के इंतजाम कराने को पैसा दिया जाता तो बेहतर रहता।

वहीं उद्योग राज्य मंत्री भगवत सरन गंगवार की पत्नी सुनीला गंगवार बजट को खासा सार्थक बताती हैं। उनके मुताबिक पहली बार किसी सरकार ने निराश्रित महिलाओं और उनके बच्चों की शिक्षा पर जोर दिया है। सरकार ने इसके लिए 637 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। जिससे मुसीबत में फंसी महिलाओं और उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सकेगा।

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