डेंजर जोन में लाखों की आबादी पर मंडरा रहा खतरा

बाराबंकी : नेपाल राष्ट्र से घाघरा नदी में छोड़े जाना वाला पानी जिले की रामनगर, फतेहपुर और सिरौलीगौसुप

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Feb 2017 12:39 AM (IST) Updated:Mon, 27 Feb 2017 12:39 AM (IST)
डेंजर जोन में लाखों की आबादी पर मंडरा रहा खतरा
डेंजर जोन में लाखों की आबादी पर मंडरा रहा खतरा

बाराबंकी : नेपाल राष्ट्र से घाघरा नदी में छोड़े जाना वाला पानी जिले की रामनगर, फतेहपुर और सिरौलीगौसुपर तहसीलों में कहर बरपाता है। इससे इतर गर्मी के मौसम में आग यहां के झोपड़ी नुमा घरों को मिनटों में लील जाती है। हर वर्ष बाढ़ के बाद अग्नि की विभीषिका से गांव के गांव उजड़ जाते हैं। इस बार तो यह समस्या चुनावी मुद्दा भी नहीं बन पाई।

घाघरा नदी के किनारे बसी चार सौ से अधिक गांवों की लाखों की आबादी तलवार की धार पर रहती है। तीन तहसील में से दो तहसील रामनगर और फतेहपुर में आजादी के बाद से अब तक स्थाई अग्निशमन केंद्र की स्थापना नहीं हो सकी है। नतीजा हर बार गर्मी आती है और बाढ़ की तरह ही आग ग्रामीणों के अरमानों को तोड़ती चली आती हैं। प्रति वर्ष दर्जनों लोगों के मरने और सैकड़ों लोगों के झुलसने के बावूजद तहसील फतेहपुर और रामनगर में अग्निशमन केंद्र की स्थापना नहीं हो सकी है। हैरत की बात तो यह है कि कुर्सी और रामनगर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इन तराई के गावों से प्रदेश सरकार में मंत्री भी है। पिछली बार विधान सभा चुनाव के दौरान मुद्दा बना था लेकिन इस समस्या का मुद्दा भी नहीं बन पाया। जिससे निदान की दिशा में प्रभावी कदम नहीं उठाए गए। इसका ही नतीजा है कि प्रतिवर्ष करोड़ों की धन संपदा मिनटों में राख हो जाती है।

इनसेट-जमींदोज हो चुके 18 हाईडेंट

बाराबंकी : शहर में करीब डेढ़ लाख से अधिक आबादी है। आग जैसी घटनाओं से बचना दमकल विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं। शहर में कभी 22 हाइडेंट हुआ करते थे लेकिन नगर पालिका परिषद की उपेक्षा के चलत अब सिर्फ छह ही हाइडेंट शेष रह गए हैं। बाकी 18 हाइडेंट जमींदोज हो चुके हैं। एक नगरपालिका ने बेच डाला।बताते चले कि शहर में अचानक आग लग जाने के बाद पानी की व्यवस्था हाइडेंट से ही की जाती हैं।

इनसेट : तीन वर्षों में बची 24 करोड़ की संपत्ति

बाराबंकी : मुख्य अग्निशमन अधिकारी आरके तिवारी ने बताया कि तीन वर्षों से जान जोखिम में डालकर फायर विभाग ने लोगों की 24 करोड़ से अधिक की संपत्ति को आग से बचाया जा चुका है। दो सौ से अधिक लोगों की जान बचाई जा चुकी हैं। अग्निकांड की घटनाएं अप्रैल से शुरू हो जाती है। रामनगर में सीजन पर फायर स्टेशन की व्यवस्था करा दी जाती है।

इनसेट : अग्निशमन संसाधन पर एक नजर

पदनाम-रिक्त-उपलब्ध

अग्निशमन अधिकारी-05-01

अग्निशमन द्वितीय अधिकारी-07-00

ली¨डग फायर मैन-03-07

फायर मैन-65-36

इनसेट : वाहनों पर एक नजर

-नवाबगंज : तीन फायर मोटर इंजन व दो पंप

-हैदरगढ़ : एक फायर मोटर इंजन व एक पंप

-रामसनेहीघाट : एक फायर मोटर इंजन व एक पंप

-सिरौलीगौसपुर : एक फायर मोटर इंजन

-रामनगर : सीजन फायर स्टेशन व फायर मोटर इंजन व एक पंप

इनसेट : 1266 हुए अग्निकांड

बाराबंकी : वर्ष 2014 में 364 अग्निकांड हुए, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 45 जानवर झुलसकर मौत हुई। 2015 में 468 आग की घटनाएं हुई, जिसमें पांच लोगों को मौत हुई और 50 पशुओं की जान गई। 2016 में 434 अग्निकांड की घटनाओं में 15 व्यक्तियों की मौत हुई तो 10 बेजुबानों की मौत हो गई। इन तीन वर्षों में 500 से अधिक पशुओं की जान बचाई जा चुकी है। वहीं इतने ही लोग भी झुलसे हैं।

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