नाम तो मिला पर पहचान की राह देख रहा बालामऊ

रामशंकर आजाद कछौना बालामऊ क्षेत्र में वैसे तो मुद्दों की कमी नहीं है लेकिन सबसे जरूर स्व

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Jan 2022 12:49 AM (IST) Updated:Wed, 26 Jan 2022 12:49 AM (IST)
नाम तो मिला पर पहचान की राह देख रहा बालामऊ
नाम तो मिला पर पहचान की राह देख रहा बालामऊ

रामशंकर आजाद, कछौना: बालामऊ क्षेत्र में वैसे तो मुद्दों की कमी नहीं है, लेकिन सबसे जरूर स्वास्थ्य और शिक्षा का भी अभाव रहा तो क्षेत्र में रोजगार का कोई विकल्प ही तैयार नहीं हो सका। हालांकि क्षेत्र का सबसे बड़ा मुद्दा बालामऊ रेलवे क्रासिग पर पुल की निर्माण है। लोक सभा चुनाव के दौरान आश्वासन दिया गया था, लेकिन वह पूरा नहीं हो सका। क्षेत्रीय जनता चाहती है कि कम से कम विधान सभा चुनाव में भी जनप्रतिनिधि इस मुद्दे की तरफ ध्यान देकर इसे हल कराएं। वर्ष 2012 में अस्तित्व में आई बालामऊ विधान सभा क्षेत्र बनने से क्षेत्रवासियों को बड़ी उम्मीद जगी कि बालामऊ को अपनी पहचान मिलने के साथ साथ विकास व रोजगार के द्वार खुलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। सरकारें आईं और चली गईं, पर क्षेत्र विकास की राह ही देखता रहा। क्षेत्र के विकास के लिए वर्ष 1995 में क्षेत्रीय विकास जनांदोलन के बालामऊ निवासी राम खेलावन कनौजिया जिलाध्यक्ष बने और बालामऊ को अपनी पहचान दिलाने के लिए कमान संभाली और राज भवन पर प्रदर्शन व धरना दिया जिले पर लगभग दो वर्ष तक धरना दिया, लेकिन बालामऊ को अपनी पहचान आज तक नही मिल सकी श्री कनौजिया का कहना है कि उनका गांव पूर्ण साक्षर गांव है। उसी के नाम से कछौना में रेलवे स्टेशन का नाम व कई बैंक भी गांव के नाम जिनका सभी का संचालन कछौना में होता है और नाम उनके गांव का जबकि सभी मूल भूत सुविधाओं से गांव व क्षेत्र वंचित हैं रेलवे टिकिट बस का टिकट सब कुछ उनके गांव के नाम से गांव में स्टेशन वह भी दस किलोमीटर दूर गौसगंज के नाम से है।उनकी लड़ाई जारी है जनप्रतिनिधियों की लापरवाही से पूरा क्षेत्र अपनी पहचान व सुविधाओं से वंचित हैं।सबसे बड़ा मुद्दा नाम व पहचान का ही है।

नगर निवासी एसपी सिंह जो राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष है और स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त हैं। बताते हैं कि बालामऊ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा अधूरी है कोविड काल में आक्सीजन की कमी से दर्जनों की जान चली गई पूरे क्षेत्र में कही भी ऑक्सीजन प्लांट नहीं स्थापित हो सका न ही एक्सरे की सुविधा और नहीं महिला चिकित्सालय है। जिससे हर मामले में क्षेत्र पिछड़ा है इस बार स्वास्थ्य शिक्षा व रोजगार भी जनता मुद्दा मान रही है।

राम खेलावन कनौजिया जिलाध्यक्ष क्षेत्रीय विकास जनांदोलन का कहना है क्षेत्र का सबसे बड़ा मुद्दा बालामऊ को अपनी पहचान दिलाने का है राज नेता अगर सक्रिय हो जाए तो गांव को अपनी पहचान मिल सकती है पूरे क्षेत्र को इस बात की मलाल है कि गांव के नाम से आने वाली कोई सुविधा गांव व क्षेत्र में नही आ पा रही है इसमें सुधार होना जरूरी है।

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