ब्लैकबोर्ड की जगह ग्रीनबोर्ड पर पढ़ेंगे नौनिहाल

अब ग्रीन बोर्ड पर ककहरा पढ़ेंगे नौनिहाल

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 12:50 AM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 06:08 AM (IST)
ब्लैकबोर्ड की जगह ग्रीनबोर्ड पर पढ़ेंगे नौनिहाल
ब्लैकबोर्ड की जगह ग्रीनबोर्ड पर पढ़ेंगे नौनिहाल

बाराबंकी : नौनिहालों को नए रूप रंग में क्लॉस रूम उपलब्ध कराने की तैयारी है। अब कक्षाओं से ब्लैकबोर्ड हटाए जाएंगे और ग्रीनबोर्ड लगेंगे। ग्रीनबोर्ड लगाने की योजना शासन की नहीं है, बल्कि सीडीओ ने खुद बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर प्लान तैयार किया है।

सरकारी स्कूलों में ब्लैकबोर्ड या तो खराब स्थिति में होते या फिर टूटे-फूटे होते हैं। इससे शिक्षकों को जहां ब्लैकबोर्ड पर लिखने के कारण काफी मशक्कत करनी पड़ती थी, तो वहीं विद्यार्थियों को इस पर लिखे शब्दों को पढ़ने में कठिनाई होती थी। सीडीओ मेधा रूपम ने प्लान तैयार किया है कि ग्राम पंचायतों में 14वें और राज्य वित्त आयोग के मद में पड़े लाखों रुपये से स्कूलों में ग्रीन बोर्ड लगाए जाएंगे। यह धनराशि लंबे समय से खातों में पड़ी है और ग्राम पंचायतों में इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है।

हरे रंग से आंखों को मिलता है आराम : ब्लैकबोर्ड पर लिखे अक्षरों को पढ़ने में ज्यादा जोर लगता है। बच्चों में आंखों की दिक्कतें ब्लैक बोर्ड से भी हो जाती है। ब्लैकबोर्ड की अपेक्षा ग्रीनबोर्ड को देखने में जोर कम पड़ता है। हरा रंग देखने से आंखों और मन को आराम मिलता है। जिन छात्रों और शिक्षकों की आंखें कमजोर हैं, यह उनके लिए बहुत फायदेमंद हैं। दरअसल, ब्लैक बोर्ड पर लिखने पर चाक भी ज्यादा घिसता है।

'जिले के सभी स्कूलों में ग्रीन बोर्ड लगाए जाने के लिए पंचायत सचिव को निर्देश दे दिए गए हैं। उनसे कहा गया कि 14वें वित्त आयोग की धनराशि से स्कूलों में बोर्ड लगाए जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई के दौरान आंखों में असर न पड़े। '

मेधा रूपम, मुख्य विकास अधिकारी, बाराबंकी

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