अनुमान से परे आई बाढ़ ने सबको किया परेशान

अनुमान से परे इस बार सरयू नदी की बाढ़ ने सबको परेशान कर दिया। हालांकि शुक्रवार की सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक जलस्तर खतरे के निशान 106.070 मीटर के सापेक्ष 106.856 मीटर पर स्थिर है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 11:21 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:21 PM (IST)
अनुमान से परे आई बाढ़ ने सबको किया परेशान
अनुमान से परे आई बाढ़ ने सबको किया परेशान

बाराबंकी : अनुमान से परे इस बार सरयू नदी की बाढ़ ने सबको परेशान कर दिया। हालांकि शुक्रवार की सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक जलस्तर खतरे के निशान 106.070 मीटर के सापेक्ष 106.856 मीटर पर स्थिर है। वनबसा बैराज से पानी यदि न छोड़ा गया तो शनिवार को जलस्तर घटने लगेगा।

सरयू नदी की क्षमता से दोगुना पानी आने के बाद वह तटवर्ती गांवों में फैल रहा है। रानीमऊ-अली नगर, एल्गिनब्रिज-चरसड़ी तटबंध व हेतमापुर-सुंदरनगर तटबंध पर गांवों से निकलकर लोग तिरपाल व छप्पर में आशियाना बना रहे हैं। विधायक शरद कुमार अवस्थी ने बाढ़ क्षेत्र में पहुंचकर लोगों को मदद का आश्वासन दिया। पीड़ितों से मिले गोप : पूर्व मंत्री अरविद कुमार सिंह ने अलीनगर-रानीतऊ तटबंध के सवाना घाट के निकट बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हें राहत सामग्री बांटी। कहा, भाजपा के नेता सिर्फ भाषणबाजी कर रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों को उचित मदद नहीं मिल रही है। पूर्व विधायक राम गोपाल रावत, पूर्व जिलाध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह, अविरल सिंह, रामनाथ मौर्य शामिल रहे। प्रसूता को नाव से गांव बाहर लाए : बाढ़ प्रभावित ग्राम भयापुरवा मजरे सनावां के केशवराम की पत्नी मीना शुक्रवार को प्रसव पीड़ा से परेशान हो गई। आशा कार्यकर्ता आरती देवी की सूचना पर सीएचसी सिरौलीगौसपुर की टीम नाव से गांव पहुंची और प्रसूता को पहले नाव फिर एंबुलेंस से सीएचसी पहुंचाया गया। बाढ़ के पानी से टेपरा, तिलवारी, टटेरवा, सनावा, कोठीडीहा, सिरौलीगुंग भी काफी प्रभावित हैं।

बढ़ रहा असंतोष : हेतमापुर-सुंदरनगर तटबंध पर बसे लोगों में आवश्यक सुविधाएं न मिलने से असंतोष बढ़ रहा है। बाढ़ पीड़ित संतराम अवस्थी, रामलखन, जगतराम, वासुदेव, संतोष, प्रीतम सहित अन्य ने तटबंध पर बिजली व पीने के शुद्ध पानी की व्यवस्था न होने पर असंतोष जताया। रामनगर ब्लाक के तपेसिपाह पुरवा, कोरिनपुरवा, मल्लाहन पुरवा, प्रसादी पुरवा, नामेपुर सिरौल, खुर्दा, बुधाई पुरवा मजरे लहड़रा सहित अन्य गांवों के लोगों ने चचरी तटबंध पर तिरपाल में परिवार का बसेरा बनाया है।

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