आंधी की आफत में गई दो लोगों की जान

बाराबंकी : रविवार की रात तेज आंधी के साथ बौछारें भी पड़ी। बौछारों से जहां गरमी से थोड़ी राहत मिली वही

By Edited By: Publish:Tue, 26 May 2015 12:26 AM (IST) Updated:Tue, 26 May 2015 12:26 AM (IST)
आंधी की आफत में गई दो लोगों की जान

बाराबंकी : रविवार की रात तेज आंधी के साथ बौछारें भी पड़ी। बौछारों से जहां गरमी से थोड़ी राहत मिली वहीं आंधी की आफत में दो लोगों की जान चली गई। आंधी से आम की फसल को काफी नुकसान हुआ। कच्चे आम पेड़ों से टूटकर गिर गए जिन्हें दो-तीन रुपये किलो के भाव भी खरीदने वाले ग्राहक नहीं मिल रहे थे।

टिकैतनगर संवादसूत्र के अनुसार दरियाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम सरायं आलम में इंफ्राटेल कंपनी का टावर लगा था। आंधी के चलते यह टावर निकट ही बनी कोठरी पर गिर गया। इससे कोठरी ढह गई और उसके नीचे दबकर 45 वर्षीय जगत नरायन की मौत हो गई। 35 वर्षीय राहुल घायल हो गया। जिसे अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया गया। पुलिस जगत नरायन के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गई। एसडीएम रामसनेहीघाट डॉ. प्रभाकांत अवस्थी ने बताया कि मौके पर नायब तहसीलदार ने जाकर जांच की है। आंधी के कारण जगत नरायन की मौत हुई है। नायब तहसीलदार की आख्या के बाद निर्धारित सहायता आश्रितों को दी जाएगी।

बरेठी संवादसूत्र के अनुसार देवा कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सैहारा मजरे ज्वारपुरवा में आंधी से 11 हजार क्षमता की बिजली लाइन के तार टूट गए। सोमवार की सुबह साइकिल से अपने खेत जा रहा कृषक 55 वर्षीय छोटेलाल पाल टूटकर लटक रहे तार की चपेट में आ गया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मौत के बाद ग्रामीण बिजली विभाग के खिलाफ आक्रोशित थे। पुलिस के पहुंचने पर काफी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए। मुश्किल से पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जा सकी। ग्राम प्रधान अनिल मौर्य का कहना है रात में ही तार टूटने की सूचना बिजली उपकेंद्र कुर्सी को सूचना दी गई थी, फिर भी बिजल की आपूर्ति बंद नहीं की गई जिसके चलते छोटेलाल की मौत हो गई।

बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता शक्ति ¨सह का कहना है कि आंधी के चलते तार टूटे। मृतक के आश्रितों को विभाग की ओर से निर्धारित मुआवजा दिया जाएगा।

आम की फसल को हुआ नुकसान:

आंधी से एक बार फिर आम की फसल को नुकसान पहुंचा। कच्चा आम बागों में आंधी से गिरकर बिखर गया। कच्चे आम की दुर्गति बाजार में भी रही। तीन-चार रुपये किलो के भाव में भी कोई आम को खरीदने वाला नहीं दिखाई दे रहा है। बागवानों को कहना है कि आम के पेड़ों में जब बौर आए थे, तभी आंधी-पानी के साथ ओलावृष्टि हुई थी। इसके बाद चार-पांच बार तेज आंधी आ चुकी है। इससे फसल आधी भी नहीं बची है। किराए पर बाग लेने वालों को लागत भी निकालनी मुश्किल होगी।

फिर भी गर्मी से राहत नहीं:

रविवार की रात आंधी के साथ पड़ी बौछारों के बाद रात को तो गर्मी से थोड़ी राहत रही मगर सोमवार को दिन में फिर पारा 44 डिग्री तक मापा गया। गर्मी से लोग बेहाल दिखे। बिजली की बार-बार कटौती ने और भी मुश्किलें बढ़ाई। लो वोल्टेज की भी समस्या से लोग परेशान रहे।

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