अब दूध बेंचने वाले पशुपालकों को भी लेना होगा लाइसेंस

जागरण संवाददाता बांदा अगर आप घर में पशु का पालन करते हैं और उसका दूध बेचते हैं। तो

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Sep 2020 07:10 PM (IST) Updated:Fri, 18 Sep 2020 07:10 PM (IST)
अब दूध बेंचने वाले पशुपालकों को भी लेना होगा लाइसेंस
अब दूध बेंचने वाले पशुपालकों को भी लेना होगा लाइसेंस

जागरण संवाददाता, बांदा : अगर आप घर में पशु का पालन करते हैं और उसका दूध बेचते हैं। तो आब आपको इसके लिए बाकायदा लाइसेंस बनवाना होगा। इसके बाद ही आप इसका विक्रय कर सकेंगे। ऐसा न करने पर विभागीय कार्रवाई के साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा। सरकार ने ये कदम दूध में हो रही लगातार मिलावट को लेकर लिया है। शासन से आदेश आने के बाद अब जिला प्रशासन भी लोगों के लाइसेंस बनवाने में जुट गया है।

गांव में अब किसी को भी एक लीटर दूध बेंचा तो खाद्य सुरक्षा विभाग का लाइसेंस अनिवार्य रूप से लेना होगा। अभी तक सिर्फ दूधियों के ही लाइसेंस बनवाने की अनिवार्यता थी। शासन की मंशा है कि इससे दूध की गुणवत्ता में सुधार होगा और राजस्व भी बढ़ेगा। अभी गांवों में छोटे व भूमिहीन किसान एक-दो गाय व भैंस रखते हैं। दूध बेंचकर परिवार का गुजारा करते हैं। अब उन्हें लाइसेंस लेना पड़ेगा। इसके अलावा डेयरी संचालकों से लेकर दुग्ध संघ की समितियों में दूध बेंचने वाले किसानों को भी इसके दायरे में लाने की तैयारी है। शासन के आदेश के बाद खाद्य एवं औषधि सुरक्षा प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को सभी पांच तहसीलों में लगाया गया है। वह गांव-गांव जाकर दूध बेंचने वाले पशुपालकों की तलाश करेंगे। उन्हें दूध बेंचने के लिए लाइसेंस लेने की अनिवार्यता से अवगत करा रहे हैं। करीब एक माह तक उन्हें अवसर दिया जाएगा। इसके बाद यदि बिना लाइसेंस के दूध की बिक्री की तो कार्रवाई की जाएगी। जनपद में करीब 42 हजार ऐसे पशुपालक हैं जो दूध का बेहतर व्यवसाय कर रहे हैं। वह इस नियम के दायरे में आएंगे।

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बिना लाइसेंस जुर्माना का प्राविधान :

खाद्य सुरक्षा विभाग के मुताबिक बिना लाइसेंस दूध की बिक्री किए जाने पर छह माह की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा का प्राविधान है। लाइसेंस के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग में ऑनलाइन व ऑफलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए 100 रुपये शुल्क जमा करनी होगी।

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क्या कहते हैं अधिकारी :

-शासन से लाइसेंस संबंधी निर्देश आए हैं। लाइसेंस से दूध में मिलावट खोरी रूकेगी। इसके अलावा विभाग का राजस्व भी बढ़ेगा। किसानों व पशुपालकों को अभी इसके लिए जागरूक किया जा रहा है।-

अजीत कुमार, अभिहीत अधिकारी, बांदा

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