नगर का इकलौता फव्वारा चढ़ा लापरवाही की भेंट

संवाद सहयोगी, अतर्रा : नगर की सुंदरता व यहां बा¨शदों के लिए बनवाया गया इकलौता फव्वारा लापर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Sep 2018 05:25 PM (IST) Updated:Mon, 10 Sep 2018 05:25 PM (IST)
नगर का इकलौता फव्वारा चढ़ा लापरवाही की भेंट
नगर का इकलौता फव्वारा चढ़ा लापरवाही की भेंट

संवाद सहयोगी, अतर्रा : नगर की सुंदरता व यहां बा¨शदों के लिए बनवाया गया इकलौता फव्वारा लापरवाही की भेंट चढ़ गया है। नगर पालिका प्रशासन की उदासीनता और देखरेख के अभाव में यह महज शोपीस बना है। निर्माण के छह माह बाद ही यह बंद हो गया। तब से इसे चालू कराने की कोशिश नहीं की गई। इससे यहां के जनता में मायूसी है।

नगर पालिका परिषद ने सन 2011-12 में गौराबाबाधाम में आने वाले श्रद्धालुओं व नगरवासियों के लिए परिसर में सुंदर लाइटों से सुसज्जित फव्वारे का निर्माण कराया था। तत्कालीन पालिका अध्यक्ष भरतलाल कोटार्य ने इस पर 28 लाख रुपये खर्च किए थे। एतिहासिक व पौराणिक गौराबाबा धाम मंदिर परिसर की शोभा बढ़ाने के लिए बनाए गए इस फव्वारे के निर्माण के बाद एक साल तो यह बढि़या चलता रहा। इसके बाद देखरेख के अभाव में यह बंद हो गया। एक कर्मचारी भी इसकी देखरेख करने के लिए नियुक्ति हुआ था। लेकिन पालिका अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह फव्वारा उदासीनता का शिकार हो गया। देखरेख न होने से यह फव्वारा अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। इसके अंदर भरे पानी से अब दुर्गंध उठने लगी है। नगर के लोग पहले फुर्सत के समय में परिवार के साथ यहां बैठकर समय बिताते थे। लेकिन अब उन्हें घरों में गुजारा करना पड़ रहा है। इस बाबत नगर वासियों ने कई बार नगर पालिका चेयरमैन से लेकर ईओ और डीएम तक लिखा-पढ़ी की, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। सूत्रों की मानें तो इस फव्वारे के मेंटीनेंस के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए गए हैं। लेकिन मौके पर कोई काम नहीं हुआ। मजे की तो यह है कि ईओ को फव्वारा बंद होने की जानकारी नही है।

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फव्वारा बंद होने और गंदगी की जानकारी मिली है। जल्द ही टीम भेजकर सफाई कराई जाएगी। फव्वारा भी दुरुस्त कराया जाएगा। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी।-नरेंद्र मिश्रा, ईओ पालिका

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