दो दिनों में महानगरों से आए 335 कामगार क्वारंटाइन

लॉकडाउन में महानगरों में फंसे कामगारों की वापसी शुरू हो गई है। तीन दिनों में 335 कामगार व छात्र-छात्राओं की वापसी हो चुकी है। इन्हें ठहराने के लिए 55 शेल्टर होम बनाए गए हैं। अभी विभिन्न प्रांतों से साढ़े आठ हजार कामगारों के आने की संभावना है। इसके लिए प्रशासन तैयारियां में जुटा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Apr 2020 10:52 PM (IST) Updated:Fri, 01 May 2020 06:00 AM (IST)
दो दिनों में महानगरों से आए 335 कामगार क्वारंटाइन
दो दिनों में महानगरों से आए 335 कामगार क्वारंटाइन

जागरण संवाददाता, बांदा : लॉकडाउन में महानगरों में फंसे कामगारों की वापसी शुरू हो गई है। तीन दिनों में 335 कामगार व छात्र-छात्राओं की वापसी हो चुकी है। इन्हें ठहराने के लिए 55 शेल्टर होम बनाए गए हैं। अभी विभिन्न प्रांतों से साढ़े आठ हजार कामगारों के आने की संभावना है। इसके लिए प्रशासन तैयारियां में जुटा है।

हैदराबाद, हरियाणा, सूरत, जयपुर, दिल्ली, पंजाब में मजदूरी करने गए करीब 50 हजार कामगारों में दस हजार करीब अप्रैल में ही आ चुके हैं। इसके अलावा धीरे-धीरे कामगारों के आने का सिलसिला जारी है। अब शासन ने इधर, महानगरों में फंसे कामगारों की वापसी की कवायद शुरू कर दी है। पिछले तीन दिनों में यहां साढ़े तीन सौ मरीज आए हैं। इनमें प्रयागराज जिले से 31 छात्राएं बुधवार को शाम आए हैं। इनमें से 24 छात्र हैं और 7 छात्राएं हैं। एसडीएम बबेरू महेंद्र सिंह ने बताया कि छात्राओं को होम क्वारंटाइन किया गया है। जबकि छात्रों को जेपी शर्मा इंटर कॉलेज में रोका गया है। इसके अलावा पैलानी के जीजीआईसी में 80 कामगार को रोका गया है। नरैनी सीएचसी में 30 कामगारों को क्वारंटाइन किया गया है। बड़ोखर खुर्द के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में 64 कामगारों को ठहराया गया है। इसके अलावा जिला प्रशासन के पास करीब साढ़े आठ हजार कामगारों की सूची तैयार की गई है, जो अभी महानगरों में फंसे हैं। उनकी वापसी धीरे-धीरे हो रही है। इनके लिए 55 शेल्टर होम चिह्नित किए गए। 12 में अभी कामगार ठहरे हैं। एडीएम संतोष बहादुर सिंह ने बताया कि प्रशासन की ओर से क्वारंटाइन कामगारों के खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है। सभी शेल्टर होम को सैनिटाइज कराया गया है। डाक्टरों की टीम से नियमित चेकिग कराई जा रही है।

15 बसें भेजी गईं इलाहाबाद

परिवहन निगम के एआरएम परमानंद ने बताया कि शासन की मांग पर जिले से 15 रोडवेज बसें भेजी गई हैं। जिनमें कामगारों को लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि झांसी और प्रयागराज को शेल्टर होम बनाया गया है। यहीं कामगारों को रोका जा रहा है। यहां से बसों के जरिए संबंधित जिलों में भेजा जा रहा है। गुरुवार को अतर्रा व नरैनी क्षेत्र से दो रोडवेज बसों में 60 कामगारों को प्रयागराज भेजा गया है।

लंच पैकेट नाकाफी

नरैनी सीएचसी में क्वारंटाइन पर ठहरे कामगारों ने प्रशासन की व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की है। कहा कि लंच पैकेट में छोटी पांच पूड़ी व सूखी सब्जी दी जा रही है। इससे उनका पेट नहीं भरता। इसके अलावा मच्छरों के प्रकोप से वह सो नहीं पा रहे हैं। क्वारंटाइन कामगारों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है। यहां तीस कामगार ठहरे हैं।

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