यातायात विभाग खाली हाथ, कैसे पढ़ाए नियमों का पाठ
बलरामपुर : सड़क पर चलने वालों को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने के लिए एआरटीओ व याताया
बलरामपुर : सड़क पर चलने वालों को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने के लिए एआरटीओ व यातायात विभाग खाली हाथ है। संसाधनों के नाम पर इनके पास कुछ नहीं है। यातायात सिपाही वाहनों की भीड़ को हाथ से इशारा करके ही नियंत्रित करते हैं। नगर के प्रमुख चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे भी सही नहीं हैं। जिसकी वजह से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों तक पुलिस नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में दुर्घटना कर वाहन चालक फरार हो जाते हैं। चौराहा व झारखंडी रेलवे क्रा¨सग पर लगे अस्थाई डिवाइडर भी लोगों को मनमानी करने से नहीं रोक पा रहे हैं। इसलिए सड़क पर वाहनों का जाम लग जाता है। एक माह तक अभियान चलाकर पूरे साल सड़क हादसा रोकने का दावा अफसर करते हैं। दुर्घटना बाहुल्य स्थानों पर नहीं संकेतक :
- 17 स्थल चिन्हित हैं, जहां दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। इन स्थानों पर प्रशासन द्वारा संकेतक लगे होने का दावा करता है, लेकिन अधिकांश स्थानों पर संकेतक झाड़ियों में छिप गए हैं, जो नहीं दिखते है। इसलिए चिन्हित स्थानों पर हादसे कम नहीं हो रहे हैं। कोतवाली नगर क्षेत्र में एनएच 730 पर एमएलके कॉलेज, कस्बा गैंसड़ी, बिजलीपुर मंदिर मोड़, सेखुइया तिराहा, धुसाह, सिसई मोड़ सहित 17 स्थान ¨चहित हैं। इन स्थानों पर जरा सी लापरवाही दुर्घटना का कारण बन रही है।
जागरूकता अभियान का सहारा :
-एआरटीओ फरीदुद्दीन का कहना है कि जो संसाधन है उसी से सड़क सुरक्षा का प्रयास किया जाता है। वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए गोष्ठी का आयोजन किया जाता है। समय-समय पर जागरुकता अभियान भी चलाया जाता है। सीमित हैं संसाधन :
- यातायात प्रभारी वीरेंद्र यादव का कहना है कि पूरे साल जागरूकता अभियान चलाने का प्रस्ताव है। साथ ही प्रमुख स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाती है। सीमित संसाधनों से ही यातायात नियंत्रित करने का प्रयास किया जाता है।