भारत-नेपाल के मैत्री संबंधों को और अधिक मजबूती देने पर जोर

By Edited By: Publish:Wed, 11 Jun 2014 10:18 PM (IST) Updated:Wed, 11 Jun 2014 10:18 PM (IST)
भारत-नेपाल के मैत्री संबंधों को और अधिक मजबूती देने पर जोर

बलरामपुर : भारत-नेपाल के बीच चला आ रहा रोटी-बेटी का संबंध सदियों तक कायम रहे इसी उद्देश्य को लेकर सशस्त्र सीमा बल के नौंवी वाहिनी द्वारा कोइलाबासा (जरवा) नाका पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें दोनों देशों के प्रबुद्ध नागरिकों के साथ सुरक्षा अधिकारी व पत्रकारों ने शिरकत किया। इस दौरान सीमावर्ती गांव के नागरिकों ने रोटी-बेटी के संबंध को कायम रखने के लिए अपने-अपने विचारों का आदान-प्रदान कर मूलभूत सुविधाओं के निराकरण की मांग रखी। गोष्ठी को संबोधित करते हुए कमांडेंट मूर्ति सिंह ने कहा कि एसएसबी के जवान सभी धर्मो से जुड़े हुए एक परिवार के समान है। जो अपनी तत्परता पर अपनी पहचान कायम किए हैं। सेवा, सुरक्षा, बंधुत्व के उद्देश्य पर कार्य करते हुए जवान भारत-नेपाल दोनों देश के नागरिकों की सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों के नागरिकों से सहयोगात्मक रुख अपनाने की अपील करते हुए सूचनाओं का आदान-प्रदान कर अपराध पर नियंत्रण में सहयोग की अपील की। एसके गुप्त ने विगत पांच माह की उपलब्धियां का ब्यौरा प्रोजेक्टर के माध्यम से विभिन्न पहलुओं पर प्रस्तुत किया। जिसमें अवैध लकड़ी कटान के बोटा, अवैध खनन, अवैध असलहा, मादक पदार्थ, चरस की तस्करी, हीरोइन, जंगली जानवरों के खाल की तस्करी समेत कुल तीन करोड़, 29 लाख, 85 हजार का डब्लूईएफ सीजर कराया है। भारत के भदुवार के बाबूलाल मौर्य ने बताया कि पटुली नाका के पास जंगली हाथियों का उत्पात दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। 105 घर के लोग चारों तरफ से जंगल से घिरे हैं। उन्हें सुरक्षा व्यवस्था के साथ बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं की जरूरत है। नेपाली नागरिक गुरंग नाका कुमार ब्रोकर, कृष्ण बहादुर दीपक की आंखों में अपनी व्यथा बयां करते समय आंसू भर आया। कहा कि सुरक्षा के साथ-साथ पानी, अनाज, स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं हमें भारत से मिलती हैं। इसमें एसएसबी के जवानों का विशेष सहयोग रहता है। कोइलाबासा नेपाल के रफीउल्ला ने कहा कि जो परंपरा सदियों से चली आ रही वह हरहाल में कायम रहनी चाहिए। कोइलाबासा के बीमा रतन ने यात्रा व्यवस्था बढ़ाने के लिए एसएसबी से अपील की। यही नहीं उपस्थित नागरिकों व एसएसबी के बीच समस्याओं के आदान-प्रदान पर हो रहे विचार-विमर्श को देखकर ऐसा लगा कि सशस्त्र सीमा के जवान अब सुरक्षा ही नहीं लोगों में बंधुत्व व भाईचारा कायम करने में सफलता के मांग बढ़ाते दिख रहे हैं। इस अवसर पर कमांडेंट मूर्ति सिंह ने भारत - नेपाल के मीडिया से अपराध की सूचना तुरंत कहीं से मिलने पर देने एवं समन्वय बनाकर चलने की अपील की। इस अवसर पर नेपाली आर्मी फोर्स पुलिस निरीक्षक एसडी तिवारी, गंगाराम खड़का, विष्णु, मनका गोवरती के अलावा एसएसबी आर्गेनाइजर सुरेंद्र शाहा, नेपाली पत्रकार सद्दाम, सत्येंद्र मिश्र, मनीष ओझा समेत अन्य लोगों को स्मृति चिह्न भेंट किया गया।

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