Balrampur: आरटीआइ के हथ‍ियार से भ्रष्टाचार पर वार, जनसमस्‍याओं के निस्‍तारण को अब तक 200 से अधिक मांग चुके RTI

सरकारी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचने में भ्रष्टाचार सबसे बड़ा गतिरोध है। योजनाओं का सच सामने लाने के लिए तुलसीपुर के लोहेपनिया गांव के पूर्व प्रधान महेंद्र तिवारी ने जन सूचना अधिकार को अपना हथियार बनाया है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Wed, 25 Jan 2023 02:50 PM (IST) Updated:Wed, 25 Jan 2023 02:50 PM (IST)
Balrampur: आरटीआइ के हथ‍ियार से भ्रष्टाचार पर वार, जनसमस्‍याओं के निस्‍तारण को अब तक 200 से अधिक मांग चुके RTI
महेंद्र तिवारी के उकृष्ट कार्यों के लिए उन्हें कई बार प्रशस्ति पत्र भी मिल चुका है।

बलरामपुर, जागरण संवाददाता। सरकारी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचने में भ्रष्टाचार सबसे बड़ा गतिरोध है। कागजों में तो विकास की गंगा बहाई जाती है, लेकिन हकीकत इससे परे हैं। योजनाओं का सच सामने लाने के लिए तुलसीपुर के लोहेपनिया गांव के पूर्व प्रधान महेंद्र तिवारी ने जन सूचना अधिकार को अपना हथियार बनाया है। वह लगातार सरकारी विभागों से आरटीआइ मांगकर भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे हैं। अब तक 200 से अधिक आरटीआइ मांगकर घोटालों की पोल खोल चुके हैं। महेंद्र तिवारी के उकृष्ट कार्यों के लिए उन्हें कई बार प्रशस्ति पत्र भी मिल चुका है।

अधिशासी अभियंता को कराया जुर्माना

-तुलसीपुर विकास खंड के लोहेपनिया गांव के पूर्व प्रधान महेंद्र तिवारी हाइकोर्ट बेंच लखनऊ के अधिवक्ता भी हैं। जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत महेंद्र ने अधिशासी अभियंता चित्तौड़गढ़ बांध निर्माण खंड से नहर सफाई व तटबंध मरम्मत के नाम पर खर्च बजट की सूचना मांगी थी। अधिशासी अभियंता ने आरटीआइ का जवाब नहीं दिया। इस पर महेंद्र ने जनसूचना आयोग में अपील दायर किया। आयोग के निर्देश पर भी सूचना नहीं दी गई। महेंद्र ने यहां भी हार नहीं मानी। आयोग में पुन: द्वितीय अपील दायर कर दी। आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए अधिशासी अभियंता पर 25 हजार रुपये का जुर्माना करते हुए वेतन से कटौती करने का आदेश जारी कर दिया।

ऐसे खुली भ्रष्टाचार की कलई 

वर्ष 2019 में महेंद्र तिवारी ने जिला महिला चिकित्सालय में रोगी कल्याण समिति में व्यय धनराशि का विवरण मांगा था। पहले तो अस्पताल प्रशासन सूचना देने में आनाकानी करता रहा। बाद में आयोग का दरवाजा खटखटाया, तो आनन-फानन में सूचना दी गई। इसमें कई ऐसे कार्यों में बजट खर्च दिखाया गया, जो कार्य अस्पताल में हुए ही नहीं है। भ्रष्टाचार की कलई खुलने पर उच्चाधिकारियों ने संज्ञान लेकर मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. विनीता राय से स्पष्टीकरण मांगा गया।

ये मामले तो महज बानगी भर हैं। महेंद्र तिवारी ने अब तक जल निगम, सरयू नहर खंड प्रथम, तृतीय, सप्तम, बाढ़ खंड, जिला बेसिक शिक्ष अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला मेमोरियल अस्पताल, लोक निर्माण विभाग समेत अन्य सरकारी विभागों से आरटीआइ मांगकर भ्रष्टाचार को सामने लाने में भूमिका निभाई है।

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