रिहाई की जगी आस, खुली हवा में लेंगे सांस

बलरामपुर : जिला कारागार में निरुद्ध तीन बंदियों के रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। सब कु

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Sep 2018 11:55 PM (IST) Updated:Mon, 17 Sep 2018 11:55 PM (IST)
रिहाई की जगी आस, खुली हवा में लेंगे सांस
रिहाई की जगी आस, खुली हवा में लेंगे सांस

बलरामपुर : जिला कारागार में निरुद्ध तीन बंदियों के रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। सब कुछ ठीक रहा तो दो अक्टूबर गांधी जयंती के दिन ये तीनों कैदी खुली हवा में सांस ले सकेंगे। ऐसे तीन बंदियों का जेल प्रशासन ने रिहाई का प्रस्ताव शासन को भेजा है। फिलहाल शासन से कोई आदेश अब तक जिला कारागार प्रशासन को नहीं मिल सका है।

रेहरा बाजार थाना क्षेत्र के उल्लहिया गांव निवासी वंशी को दस वर्ष कैद की सजा सुनाई गई थी। वह दहेज हत्या मामले में आठ साल तीन माह से कारागार में निरुद्ध है। उसकी रिहाई में 21 महीने शेष है। जेल प्रशासन ने उसकी रिहाई के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। जेल के एक अधिकारी की मानें तो वंशी की रिहाई हो सकती है। पचपेड़वा थाना क्षेत्र के विशुनपुर टनटनवा गांव निवासी बजरंगी आ‌र्म्स एक्ट में छह साल दो माह से कारागार में निरुद्ध है। इसी थाना क्षेत्र के गुरचिहवा निवासी शमसुल हक भी छह साल चार माह से कारागार में बंद है। इनके रिहाई के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। तीनों कैदियों के परिजनों में भी उम्मीद की किरण पैदा हुई है। परिजनों को शासन से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। डिप्टी जेलर श्याम नरायन यादव का कहना है कि तीनों की उम्र 30 से 35 वर्ष के बीच है। जिनका पूरा विवरण शासन को भेज दिया गया है। शासन स्तर से इनके रिहाई का फैसला लिया जाना है। इसके बाद ही वह रिहा हो सकेंगे।

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