ग्रामीणों के हमले से तेंदुए के मादा शावक की मौत

By Edited By: Publish:Mon, 11 Feb 2013 11:35 PM (IST) Updated:Mon, 11 Feb 2013 11:36 PM (IST)
ग्रामीणों के हमले से तेंदुए के मादा शावक की मौत

हरैय्या सतघरवा (बलरामपुर): रविवार को अपराह्न पांच बजे स्थानीय थाना क्षेत्र स्थित गौरिया पहाड़ी नाला में तेंदुए के मादा शावक का शव मिला है। वन विभाग का दावा है कि शावक झरिहरडीह गांव में घुसा था, जिसे ग्रामीणों ने घेरकर मार डाला। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि गांव में तेंदुवा घुसने की घटना हुई ही नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शावक की हत्या की पुष्टि हुई है, जिसमें तीन लोगों को जेल भेजा गया है।

सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग अंतर्गत वनकटवा रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी संजय अवस्थी के मुताबिक चौधरीडीह बीट के वॉचर उग्रसेन ने तेंदुए के शावक का शव नाले में पड़ा देखकर सूचना दी। शाम छह बजे शावक का शव रेंज कार्यालय लाया गया। जांच शुरू हुई तो पता चला कि 9/10 फरवरी की रात शावक जंगल से निकलकर झरिहरडीह गांव में घुस गया था। ग्रामीणों ने उसे देखकर शोर मचाया तो आसपास गांव के लोग भी एकत्रित हो गए। ग्रामीणों ने उसे घेरकर बुरी तरह जख्मी कर दिया। तेंदुआ भागकर गौरिया नाले तक पहुंचा जहां उसकी मौत हो गई। तेंदुए को मारने में झरिहरडीह निवासी सवारे पुत्र किशुन, शिकारीपुरवा गांव के पेशकार पुत्र सियाराम व मदरहवा गांव निवासी धीरज पुत्र समुझ की भूमिका प्रमुख थी। उन्हें रात में ही गिरफ्तार कर लिया गया।

सोमवार की सुबह रेंज कार्यालय पर पशु चिकित्साधिकारी डॉ. बीआर चौरसिया, डॉ. शंकर नाथ व डॉ. अनुज कुमार ने शावक का पोस्टमार्टम किया। शावक के सीने पर दो इंच गहरा जख्म मिला है। प्रतीत होता है कि उसे बल्लम से मारा गया है। उधर, चौधरीडीह के ग्राम प्रधान बड़े लाल यादव सहित तमाम ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुए का शावक झरिहरडीह गांव में नहीं घुसा है। ना ही किसी ने उसे मारा है। झरिहरडीह निवासी श्यामता दूबे ने वॉचर को शावक का शव नाले में पड़े होने की सूचना दी है। वन विभाग ने निर्दोषों को जल्दबाजी में जेल भेज दिया है, जिसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए। डीएफओ मनीष कुमार मित्तल ने बताया कि जांच करने के बाद ही आरोपियों को जेल भेजा गया है।

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