इस बार चार दर्जन केंद्रों पर होगी धान की खरीद

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By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Oct 2019 07:29 PM (IST) Updated:Thu, 31 Oct 2019 06:25 AM (IST)
इस बार चार दर्जन केंद्रों पर होगी धान की खरीद
इस बार चार दर्जन केंद्रों पर होगी धान की खरीद

जागरण संवाददाता, बलिया: केन्द्र सरकार द्वार धान का समर्थन मूल्य घोषित करने के बाद विभाग क्रय केंद्रों को चालू करने में पूरी शिद्दत से जुटा है। विभाग की यह मंशा है कि एक नवंबर से शुरु होने जा रही धान खरीद में किसानों को कोई दिक्कत न आए। जिले के किसानों को सहुलियत देने के उद्देश्य से इस बार जिले के कुल चार दर्जन केन्द्रों पर धान खरीद की व्यवस्था की गई है। यही नहीं दो दिन पूर्व से ही ये सभी केन्द्र अस्तित्व में आ चुके हैं।

विभाग के अनुसार इस बार एक लाख 72 हजार 200 एमटी धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एक नवम्बर से शुरु होने जा रही खरीद के लिए विभाग द्वारा 1400 गाट बोरा का प्रबंध किया गया है। वहीं नए समर्थन मूल्य को लेकर भी किसानों में कापुी उत्साह नजर आ रहा है। किसानों को सहुलियत देने के लिए विभाग नमी युक्त धान को क्रय केन्द्र से वापस तो नहीं करेगा लेकिन उसका वजन धान सूखने के बाद ही किया जाएगा।

नई व्यवस्था के तहत जहां सामान्य धान के लिए 1815 रुपये प्रति कुंतल का समर्थन मूल्य घोषित किया गया है वहीं ग्रेड-ए किस्म का धान 1835 रुपये की दरर से लिया जाएगा। इसके अलावा किसानों को धान की सफाई, छनाई व ढुलाई के लिए प्रति कुंतल 20 रुपये का अतिरिक्त भुगतान भी किया जाएगा। डिप्टी एआरएमओ कमलेश कुमार पांडेय ने बताया कि रबी और खरीफ के सभी किसानों का भुगतान किया जा चुका है। किसी भी किसान का कोई भुगतान लंबित नहीं है।

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कटाई में हो सकती है देरी

एक तरफ जहां विभाग धान क्रय करने के लिए जिले में 48 केन्द्र खोल चुका है वहीं जनपद के अधिकतर हिस्सों में धान की फसल अभी तैयार नहीं हैं। किसानों ने बताया कि धान की फसल को तैयार होने में कमोबेश एक फखवारा लग सकता है। वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अभी भी धान की फसल पूरी तरह जलमग्न है। ऐसी स्थिति में उत्पादन तो प्रभावित होगा ही समय से फसल कटने की संभावना भी कम नजर आ रही है। फसलों की वर्तमान स्थिति और परिस्थितियों को देखकर ऐसा लगता है कि 15 नवम्बर के बाद ही किसान क्रय केन्द्रों की ओर रुख करेंगें। वैसे कुछ इलाकों में धान की कटाई अवश्य शुरु हो गई है लेकिन यह पूरे जनपद के सापेक्ष अंश मात्र ही है।

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अतिवृष्टि की वजह से खेतों में अभी काफी नमी है। वहीं देर से रोपाई भी की गई थी जिससे फसल भी अभी कच्ची है। इस कारण धान की कटाई होने में थोड़ा समय लगेगा। उम्मीद है 15 नवम्बर तक फसल पक कर पूरी तरह तैयार हो जाएगी।

-भारतेन्दु पाठक

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जुलाई में हुई मुसलाधार बारिश के कारण धान की रोपाई पिछड़ गई थी। वहीं सितंबर माह में हुई जोरदार बारिश से बेशक फसल अच्छी हुई है लेकिन अधिकतर खेतों में अभी पानी लगा है। जिसकी वजह से कटाई में कम से कम 15 दिन लगेगा।

-विनय तिवारी

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