लॉकडाउन पर सख्ती , शहर से गांव तक सड़कें वीरान

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के आठवें दिन बुधवार को पुलिस प्रशासन का तेवर और तल्ख नजर आया। पिछले तीन दिनों में दर्जनों लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ही असर था कि लोग घरों में ही दुबके रहे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Apr 2020 06:17 PM (IST) Updated:Thu, 02 Apr 2020 06:07 AM (IST)
लॉकडाउन पर सख्ती , शहर से गांव तक सड़कें वीरान
लॉकडाउन पर सख्ती , शहर से गांव तक सड़कें वीरान

जागरण संवाददाता, बलिया: राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के आठवें दिन बुधवार को पुलिस प्रशासन का तेवर और तल्ख नजर आया। पिछले तीन दिनों में दर्जनों लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ही असर था कि लोग घरों में ही दुबके रहे। यह नजारा शहर से लेकर गांव तक देखने को मिला। सख्ती के कारण जहां शहर में लोग कम नजर आए वहीं शहर की सड़कें सूनी रहीं। यही नहीं ग्रामीणांचलों में भी सियापा पसरा रहा। जगह-जगह तैनात पुलिस पूरी तरह मुस्तैद नजर आई। विभिन्न चौराहों पर मौजूद पुलिसकर्मी अकारण घूमने वालों को रोककर घर वापस करती दिखी।

जिला प्रशासन के आदेश से सुबह तीन घंटे के लिए ही रोजमर्रा की दुकानों को खोला गया। इस दौरान शहर के विभिन्न इलाकों में बगैर परमिशन के दुकान खोलने वालों के विरुद्व पुलिस ने कड़ाई बरती और लाठियां भांज कर दुकानों को बंद करा दिया। आदेश के मुताबिक सिर्फ उन्हीं दुकानों को खोलने की अनुमति है जिन्हें पास दिया गया है। पुलिस का यह रुप देख दुकानदारों ने आनन-फानन में दुकानों को शटर गिरा दिया। हालांकि इस दौरान अनुमति वाली दुकानें खुली रहीं ओर लोग वहां से जरुरत के सामान खरीदते रहे। वहीं दुकानों पर खरीदारी के नाम पर उमड़ने वाली भीड़ को पुलिस ने शारीरिक दूरी बरकरार रखने की हिदायत दी।

कोरोना के प्रसार पर ब्रेक लगाने के लिए लोगों से लॉकडाउन का पालन करने की प्रशासन की अपील को लोग अनसुना कर दे रहे थे। लोग सुरक्षित घरों में रहने की बजाय इधर-उधर घूम रहे थे। अनावश्यक रुप से सड़कों पर घूमने वाले पुलिस के लिए किसी समस्या से कम नहीं थे। ऐसे लोगों की कार्यशैली पर रोक लगाने के लिए पुलिस को कार्रवाई का सहारा लेना पड़ा। पिछले तीन दिनों में पुलिस ने कानून का उल्लंघन करने वाले 35 लोगों के खिलाफ जहां मुकदमा दर्ज किया वहीं 95 लोगों को गिरफ्तार भी किया था। इसका असर बुधवार को सड़कों पर देखने को मिला। पुलिसिया कार्रवाई के डर से लोग घरों से बाहर नहीं निकले। इससे शहर सहित गांवों की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।

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