फखरू टोला डेरा में नहीं जले चूल्हे, हर तरफ रूदन-क्रंदन

एक ही साथ दो किशोर व तीन बच्चों सहित पांच लोगों के सरयू नदी में डूब जाने की अभूतपूर्व घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। फखरू टोला के डेरा गांव में मातम पसरा हुआ है। दूसरे दिन भी गांव में किसी के घर चूल्हा नहीं जला। घर की महिलाओं के रोने व विलाप करने से वहां पहुंचने वाले लोगों के आंखों से बरबस ही आंसू निकल आते हैं। रूदन-क्रंदन के बीच बहुत से लोगों के पांव गांव में पहुंच रहे थे लेकिन किसी को भी कुछ पूछने या जानने की हिम्मत नहीं हो रही थी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 May 2020 06:04 PM (IST) Updated:Wed, 06 May 2020 06:02 AM (IST)
फखरू टोला डेरा में नहीं जले चूल्हे, हर तरफ रूदन-क्रंदन
फखरू टोला डेरा में नहीं जले चूल्हे, हर तरफ रूदन-क्रंदन

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया): एक ही साथ दो किशोर व तीन बच्चों सहित पांच लोगों के सरयू नदी में डूब जाने की अभूतपूर्व घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। फखरू टोला के डेरा गांव में मातम पसरा हुआ है। दूसरे दिन भी गांव में किसी के घर चूल्हा नहीं जला। घर की महिलाओं के रोने व विलाप करने से वहां पहुंचने वाले लोगों के आंखों से बरबस ही आंसू निकल आते हैं। रूदन-क्रंदन के बीच बहुत से लोगों के पांव गांव में पहुंच रहे थे, लेकिन किसी को भी कुछ पूछने या जानने की हिम्मत नहीं हो रही थी।

मृत अप्पू की मां बलवंती देवी का रो-रोकर बुरा हाल है, रह-रह वह अचेत हो जा रही है। वहीं अप्पू की छोटी बहनें भैया-भैया कहकर दहाड़ में कर रो रही हैं। उधर लवकुश की मां संगीता देवी भी होश में नहीं थीं। विकास के मां-बाप हैदराबाद में हैं। लॉकडाउन के कारण घर नहीं आ पाए हैं। घर में बूढी दादी मोनाको देवी की आंखों के आंसू रूक ही नहीं रहे हैं। विशाल की मां रमावती देवी सहित तमाम परिजनों का हाल देख आसपास के लोग भी नहीं समझा पा रहे हैं।

-दूसरे दिन भी नहीं मिला लालू का शव

दो किशोरों व तीन बच्चों के डूबने के बाद चार के शव तो सोमवार शाम तक मिल गए लेकिन लालू यादव का शव नहीं मिला। दूसरे दिन मंगलवार को भी लाल के शव की तलाश हो रही थी। नाव से भी नदी में दूर तक देखा गया लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं मिला। -आसपास गांवों में बढ़ी सतर्कता

बीएसटी बांध के पास टोला फकरूराय डेरा गांव के पांच बच्चों की हुई मौत के बाद आसपास के गांवों में भी इस घटना की चर्चा हो रही है। सभी लोग अपने बच्चों को लेकर सतर्क हो गए हैं। चार शवों का पोस्टमार्टम बलिया में होने के बाद उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया। गांव में दूसरे दिन भी कोहराम मचा हुआ है। परिजनों दहाड़े मार रो रहे थे कि वे क्यों बच्चों को नदी में स्नान करने जाने दिए।

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