नदी में समा गई तीन सौ एकड़ उपजाऊ भूमि

सरयू का तेवर देख तटवर्तियों की नींद उड़ गई है। जलस्तर में लगातर हो रही वृद्धि के कारण जहां बीएसटी बंधा पर खतरा मंडराने लगा है तो वहीं बिल्थरारोड में तुर्तीपार हेड पर सोमवार को नदी खतरा निशान से करीब

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 05:04 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 06:20 PM (IST)
नदी में समा गई तीन सौ एकड़ उपजाऊ भूमि
नदी में समा गई तीन सौ एकड़ उपजाऊ भूमि

जागरण संवाददाता, बलिया : सरयू का तेवर देख तटवर्तियों की नींद उड़ गई है। जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण जहां बीएसटी बंधा पर खतरा बढ़ने लगा है। एक पखवारे में लगभग 300 एकड़ उपजाऊ भूमि सरजू में विलीन हो चुकी है। बिल्थरारोड में तुर्तीपार हेड पर सोमवार को नदी खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर पहुंच गई। दोपहर दो बजे नदी का जलस्तर 65.01 मीटर रिकार्ड किया गया जबकि यहां खतरा बिदु 64.01 मीटर है। जलस्तर प्रति घंटे दो सेमी की रफ्तार से बढ़ रही है। रेवती क्षेत्र के चांदपुर में भी घाघरा खतरा बिदु से 88 सेमी ऊपर बह रही है।

बिल्थरारोड (बलिया): क्षेत्र के तुर्तीपार, इद्रानगर व चंदायरकला के मोहरोडीह में बाढ़ का पानी घुस गया है। इसके चलते लेागों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। लोग अपने घरों के छतों पर रहने को विवश हैं जबकि स्थानीय प्रशासन नदी के इस भयावह स्थिति से पूरी तरह से अंजान बना है। इसके अलावा तुर्तीपार, मुजौना, इंद्रानगर, हल्दीरामपुर क्षेत्र की सैकड़ो एकड़ धान व मूंगफली की फसल डूब गई है। उधर हाहानाला, छोटकी टंगुनिया, खैरा, तुर्तीपार, मुजौना व रामपुर में नदी तबाही मचाने लगी है।

बैरिया: क्षेत्र के सठिया ढाला के निकट बीएसटी बंधा पर घाघरा के बढ़ते दबाव से लोग बेचैन हो उठे हैं। खुदा न खास्ता यदि बांध टूटा तो लगभग चार दर्जन गांवों की डेढ़ लाख की आबादी सीधे इस कटान से प्रभावित हो सकती है। जिला प्रशासन कटान रोकने के प्रति गंभीर नहीं दिख रहा है।

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