बींस की खेती का कभी लोग उड़ाते थे मजाक, आज लेते हैं सीख

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : द्वाबा में किसान परंपरागत खेती से हटकर अब सब्जियों की

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Mar 2018 11:24 PM (IST) Updated:Wed, 21 Mar 2018 11:24 PM (IST)
बींस की खेती का कभी लोग उड़ाते थे मजाक, आज लेते हैं सीख
बींस की खेती का कभी लोग उड़ाते थे मजाक, आज लेते हैं सीख

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : द्वाबा में किसान परंपरागत खेती से हटकर अब सब्जियों की खेती पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। इस क्षेत्र के टोला बाजराय में सिताबदियारा के किसान पुरेंद्र पांडेय ने बींस की खेती में हाथ आजमा कर आज क्षेत्र में एक प्रगतिशील किसान की श्रेणी में अपना स्थान बनाया है। वे बताते हैं कि पहले तो लोग मजाक उड़ाते थे, लेकिन आज बींस की खेती करने के तरीकों की जानकारी लेने उनके पास आते हैं।

पंजाब और झारखंड राज्य में बहुतायत मात्रा में पैदा होने वाली बींस फली की खेती द्वाबा में भी में अब पसंद की जा रही है। जेपी के गांव जाने वाले बीएसटी बांध से पांच सौ मीटर की दूरी पर पांच बीघा में बींस की खेती करने वाले किसान पुरेंद्र पाण्डेय बताते हैं कि बींस फली की खेती करने के लिए सबसे पहले आलू की तरह खेत तैयार किया जाता है। इसके बाद 1.5 फीट की दूरी पर लाइन बनाकर 10 इंच की दूरी पर बीज बो दिए जाते हैं। बीज बोने के बाद नाली बनाई जाती है। बीज बोते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि खेत में पर्याप्त नमी जरूर हो। लोबिया, सेम व चाइनीज फली के नाम से विख्यात बींस फली का प्रयोग शादी समारोहों में मिक्स वेज में सबसे अधिक होता है। इसकी सब्जी खाने से शुगर की बीमारी कुछ हद तक काबू में रहती है, ¨कतु यह सब तब संभव है, जब किसान संबंधित खेत की मिट्टी की जांच कराते हैं। इससे उन्हें यह पता चल जाता है कि उनके खेतों में कितनी मात्रा में कौन से खाद की आवश्यकता है। वह तमाम फसलों की खेती इसी पद्धति से करते हैं। उन्होंने बताया कि जब मिट्टी में बीज का जमाव हो जाता है तो 15 दिनों के अंदर कीटनाशक दवाई का छिड़काव कर देना चाहिए। बींस फली का बीज लखनऊ में 700 रुपये प्रति किलो की दर से मिलता है। एक एकड़ में तीन किलो के आस पास बीज लगाया जाता है। यानी बींस फली की एक एकड़ खेती करने में लगभग छह से आठ हजार रुपये की लागत आती है। इसके अलावा यदि खेत लगान पर है तो खर्च में छह हजार और जोड़ लिया जाता है। अक्टूबर महीने ने बोई जाने वाली यह फसल, जनवरी महीने के अंत में फल देने लगती है। बाजारों में भी है अच्छी मांग

किसान पुरेंद्र पाण्डेय बताते हैं कि अब बाजारों में भी बींस की अच्छी मांग है। प्रतिदिन की सब्जी के रूप में लोग इसका प्रयोग कर रहे हैं। अभी के समय में भी बींस बाजारों में 30 से 40 रुपये किलो मिल रहा है। प्रयोग के तौर पर उन्होंने यह खेती की है। बताया कि जब वह बींस की बोआई कर रहे थे, तब आसपास के किसान उन पर हंस रहे थे। आज उत्पादन देख बहुत से किसान उनसे बींस की खेती की सीख लेने पहुंच रहे हैं।

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