प्रशासनिक उदासीनता से मूर्तरूप नहीं ले रहे जनहित के मुद्दे

जागरण संवाददाता मझौवां (बलिया) विभिन्न मुद्दों के निदान को लेकर कांग्रेस नेता व इंटक के जिलाध्यक्ष विनोद सिंह ने कहा कि प्रशासनिक उदासीनता के चलते जनहित से जुड़े छह सूत्री मांग धरातल पर मूर्त रूप नहीं ले रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 09:17 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 06:09 AM (IST)
प्रशासनिक उदासीनता से मूर्तरूप नहीं ले रहे जनहित के मुद्दे
प्रशासनिक उदासीनता से मूर्तरूप नहीं ले रहे जनहित के मुद्दे

जागरण संवाददाता, मझौवां (बलिया) : विभिन्न मुद्दों के निदान को लेकर कांग्रेस नेता व इंटक के जिलाध्यक्ष विनोद सिंह ने कहा कि प्रशासनिक उदासीनता के चलते जनहित से जुड़े छह सूत्री मांग धरातल पर मूर्त रूप नहीं ले रहा है। आगामी 24 फरवरी को सुघर छपरा ढाले पर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। इसे सफल बनाने के लिए डोर टू डोर लोगों से संपर्क किया जा रहा है। कहा कि बाढ़ कटान की रोकथाम हो या आर्सेनिक मुक्त पेयजल उपलब्ध कराना, चाहे गंगा में विलीन हुए विद्यालय के भवनों का पुनर्निर्माण कराना हो या एनएच 31 की मरम्मत। बिना जन आंदोलन के शासन प्रशासन व जिला प्रशासन का चिर निद्रा नहीं टूटती है।

श्री सिंह मंगलवार को रामगढ़ में पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे। उन्होंने चेताया के अगर इसी तरह जिला प्रशासन व बाढ़ विभाग, शिक्षा विभाग, लापरवाह बना रहा तो धरना प्रदर्शन के बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा। इनके छह सूत्रीय मांगों में गंगापुर व केहरपुर में बाढ़, कटान की खारिज प्रोजेक्ट को पुन: स्वीकृति दिलाना, दूबेछपरा रिग बांध का पुनर्निर्माण कराना, गंगा के कटान से बेघर ग्राम सभा गोपालपुर के हरपुर, गंगापुर के पीड़ितों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना, एनएच 31 का बेलहरी ढाले से बैरिया व बैरिया से मांझी घाट तक मरम्मत कराया जाना, ग्राम सभा केहरपुर व गंगापुर तथा गोपालपुर में गंगा की लहरों में विलीन हुए प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को तत्काल नया भवन उपलब्ध कराना व ग्राम सभा केहरपुर में ध्वस्त हुए पानी टंकी का पुनर्निर्माण के साथ ही मझौवां, बिहार पियरौंटा व रामपुर में पानी टंकी का निर्माण कराना शामिल है।

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