बी ग्रेड तमगे के बाद भी नहीं होता एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव

रेलवे यात्रियों की सुविधाओं की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है लेकिन आबादी के हिसाब से स्टेशनों पर ट्रेनों के ठहराव की दिशा में रेलवे का सौतेला व्यवहार सामने है। कुछ इसी तरह के उपेक्षा का शिकार है फेफना स्टेशन। सैकड़ों गांव के बीच एकलौता फेफना जक्शन बी ग्रेड श्रेणी में होने के बाद भी यहां एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से क्षेत्रीय लोग हमेशा पेशान रहते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Mar 2020 10:22 PM (IST) Updated:Sun, 15 Mar 2020 06:09 AM (IST)
बी ग्रेड तमगे के बाद भी नहीं होता एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव
बी ग्रेड तमगे के बाद भी नहीं होता एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव

जागरण संवाददाता, फेफना (बलिया) : रेलवे यात्रियों की सुविधाओं की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है, लेकिन आबादी के हिसाब से स्टेशनों पर ट्रेनों के ठहराव की दिशा में रेलवे का सौतेला व्यवहार सामने है। कुछ इसी तरह के उपेक्षा का शिकार है फेफना स्टेशन। सैकड़ों गांव के बीच इकलौता फेफना जंक्शन बी ग्रेड श्रेणी में होने के बाद भी यहां एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से क्षेत्रीय लोग हमेशा परेशान रहते हैं। इलाकाई लोगों ने एक्सप्रेस ट्रेनों की ठहराव कि मांग की है। तर्क यह है कि औड़िहार व इंदारा जंक्शन से किसी भी मायने कम नहीं है, लेकिन क्षेत्रीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों की उदासीनता का आरोप लगाते हुए विभागीय उच्च अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया है। एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं तो सब बेकार

रेल प्रशासन ने फेफना रेलवे स्टेशन का जो विकास का खाका तैयार किया है वह तो ठीक है लेकिन अगर एक्सप्रेस ट्रेनों का अगर ठहराव नहीं तो सब बेकार है।

-हरिद्वार चौधरी, मोहान के मठिया। सारे अधिकारी कर्मचारियों की रहने के लिए कालोनी सहित सारी व्यवस्था फेफना मे रेल प्रशासन किया है। ट्रेन पकड़ने के लिए बलिया जाना पड़े तो इस विकास का कोई मतलब नहीं है।

-डा. सुबहान, सिंहपुर। दो प्लेटफार्म के बदले रेल प्रशासन ने फेफना जंक्शन पर पांच प्लेटफार्म और सात सात रेलवे लाइन बिछा कर जो विकास कराया है। उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है, लेकिन लेकिन अगर एक्सप्रेस ट्रेन नहीं रुकती है तो सब बेकार है।

-डा. दिनेश, आर्यनगर। फेफना रेलवे स्टेशन जनपद का इकलौता जंक्शन है जो किसी भी मायने औड़िहार व इंदारा से कम नहीं है। यदि यहां एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं होता है तो क्षेत्रीय लोगों के साथ अन्याय होगा।

-पूर्व प्रधान मुकेश, छोटकी नरही।

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