गोबर से बनेगी बिजली, किसानों को मिलेगा धन

जागरण संवाददाता बलिया हरिद्वार का मॉडल अब बलिया में भी लागू होगा। प्रदेश के 36 जिलों में

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 05:40 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 05:40 PM (IST)
गोबर से बनेगी बिजली, किसानों को मिलेगा धन
गोबर से बनेगी बिजली, किसानों को मिलेगा धन

जागरण संवाददाता, बलिया : हरिद्वार का मॉडल अब बलिया में भी लागू होगा। प्रदेश के 36 जिलों में गोबर धन योजना प्रभावी हुई है। प्रोजेक्ट में वाराणसी, बलिया, आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर और चंदौली जिले को शामिल किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक किजल सिंह ने विस्तृत कार्ययोजना मांग ली है। इस प्रोजेक्ट से बड़े पशुपालकों को जोड़ा जाएगा। लेकिन इससे पहले जिले के 28 गोशाला में प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी है। यहां बायोगैस संयंत्र स्थापित होगा। बायोगैस से बिजली बनाने के लिए उच्च क्षमता के जनरेटर लगेंगे, जो डीजल से नहीं बल्कि बायोगैस से ही चलेंगे। जैविक खाद बनाने के लिए हाईटेक कारखाना लगेगा। यहां से तैयार खाद को बाजार में बेचा जाएगा। इस संबंध में 20 जुलाई को मिशन निदेशक ने प्रस्तावित जिलों के डीपीआरओ से बैठक कर कार्ययोजना मांगी है। उन्हें पूरा रोडमैप समझाया है। अब ब्लाकों से रिपोर्ट मांगी गई है। एडीओ सर्वे में जुटे हैं। वे गोशाला में पशु और वहां से निकलने वाले गोबर का विवरण जुटा रहे हैं। पशुपालन विभाग से भी सूची मांगी गई है। सफलता के बाद मॉडल से बड़े पशुपालकों को जोड़ा जाएगा।

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पीएमओ करेगा मानीटरिेंग, संचालन को बनेगी कमेटी

प्रधानमंत्री कार्यालय से परियोजना की मानीटरिग की जाएगी। हर सप्ताह प्रगति के बारे आनलाइन अवगत कराना पड़ेगा। जिले में डीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित होगी। इसमें सीएमओ, बीएसए, पीडी डीआरडीए, डीपीआरओ, जिला समाज कल्याण अधिकारी, परियोजना अधिकारी नेडा और पीसीडीएस के प्रबंधक को शामिल किया गया है। यही कमेटी परियोजना का संचालन करेगी।

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कोट

अभी योजना बहुत प्राथमिक स्तर पर है। गोशाला में ही अभी लागू किया जाएगा। इससे युवाओं को रोजगार से भी जोड़ा जा सकता है। सर्वे कराया जा रहा है। कार्ययोजना बनाकर मुख्यालय भेजी जाएगी। --- अजय कुमार श्रीवास्तव, जिला पंचायत राज अधिकारी जिले के 28 गोशाला में कुल 2200 गोवंश हैं। उनके गोबर का निस्तारण संबंधित निकाय व ग्राम पंचायतें कर रही हैं। योजना का क्रियान्वयन कराया जाएगा।

-- डा. अशोक मिश्र, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

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