इनकी शिकायत भी नहीं सुनते अधिकारी, खूब चल रही मनमानी
इनकी शिकायत भी नहीं सुनते अधिकारी खूब चल रही मनमानी इनकी शिकायत भी नहीं सुनते अधिकारी खूब चल रही मनमानी इनकी शिकायत भी नहीं सुनते अधिकारी खूब चल रही मनमानी
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : सफाई कर्मियों की मनमानी व कार्य के प्रति उदासीनता के कारण गांवों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। हर महीने क्षेत्र में सफाई कर्मियों के वेतन भुगतान पर सरकार करोड़ों खर्च कर रही है। ऐसे में इनकी नियुक्ति किस लिए की गई और उन्हें दायित्वबोध कौन कराएगा, यह यहां के लिए यक्षप्रश्न बना हुआ है।
मुरली छपरा, बैरिया, बेलहरी व रेवती विकास खंडों में सैकड़ों की संख्या में सफाइकर्मियों की नियुक्ति वर्षों पूर्व सरकार द्वारा इसलिए की गई थी कि ये गांवों की साफ-सफाई करेंगे लेकिन गांवों की साफ-सफाई तो दूर ये लोग सरकारी विद्यालयों में भी झाड़ू नहीं लगाते। वहां या तो रसोइयां झाड़ू लगाती हैं या विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे। इस बाबत जब ग्रामीण बीडीओ से शिकायत करते हैं तो बीडीओ कहते हैं कि उनकी शिकायत आप लोग एडीओ पंचायत से करें।
एडीओ पंचायत का कहना है कि सफाइकर्मियों को ग्राम प्रधान ही रास्ते पर ला सकते हैं। जब ग्रामीण ग्राम प्रधानों से शिकायत करते हैं तो ग्राम प्रधान कहते है कि ये लोग हम लोगों की कहां सुनते हैं। आप लोग डीपीआरओ से शिकायत कीजिए। डीपीआरओ से शिकायत करने पर डीपीआरओ कहते हैं कि ब्लाक पर जाकर बीडीओ व एडीओ से मिलिए, वही लोग ही कार्रवाई करेंगे, यानी कुल मिलाकर कोई भी जिम्मेंदार अधिकारी सफाइकर्मियों से काम नहीं करवाना चाहता, जिससे सफाइकर्मी निरंकुश होकर मनमानी कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी का ध्यान अपेक्षित करते हुए इस बाबत उचित कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। जिससे गांवों की साफ-सफाई का काम हो सके।