संवैधानिक अधिकारों में दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करते थे डॉ.राजेंद्र प्रसाद

बलिया अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वधान में दयालू बाब उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में मंगलवार को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद की 133वीं जंयती मनाई गई। कार्यक्रम कि शुरुवात अतिथियों ने डा. राजेन्द्र प्रसाद के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित कर किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि डॉ. प्रसाद ने स्वतंत्रा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Dec 2019 04:41 PM (IST) Updated:Tue, 03 Dec 2019 04:41 PM (IST)
संवैधानिक अधिकारों में दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करते थे डॉ.राजेंद्र प्रसाद
संवैधानिक अधिकारों में दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करते थे डॉ.राजेंद्र प्रसाद

जागरण संवाददाता, बलिया : मंगलवार को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद की 133वीं जंयती मनाई गई। इस दौरान लोगों ने उनके विचारों पर चलने का संकल्प लिया। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में दयालू बाब उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में डा. राजेन्द्र प्रसाद के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित की गई। वक्ताओं ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने स्वतंत्रता आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। उनके किए गए कार्यो को कभी भुलाया नही जा सकता। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। देश के संविधान निर्माण में भी उनका प्रमुख योगदान रहा। अपने कार्यकाल में संवैधानिक अधिकारों में किसी भी प्रकार की दखलंदाजी का मौका किसी को नहीं दिया था। वह अपना काम स्वतंत्र व ईमानदारी से करना पसंद करते थे। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम में मनन श्रीवास्तव, सुनिता श्रीवास्तव, रमेश चन्द्र श्रीवास्तव, प्रदीप श्रीवास्तव, शैलेष श्रीवास्तव, सुशील श्रीवास्तव, नागेन्द्र श्रीवास्तव, डा. आरके श्रीवास्तव, विवेक कुमार, नित्याबचन राम, अशोक, पवन कुमार, ज्ञानेश्वर प्रसाद आदि ने भाग लिया। प्रथम राष्ट्रपति की मनाई गई जयंती

रेवती (बलिया) : गोपालजी स्नातकोत्तर महाविद्यालय रेवती में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 135 वीं जयंती मनाई गई। अपने संबोधन में प्राचार्य डॉ साधना श्रीवास्तव ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला। इस मौके पर डॉ काशीनाथ सिंह, डॉ राममनोहर , ओम प्रकाश, श्यामनारायण, रागिनी तिवारी , प्रियंका पांडेय, सुशील श्रीवास्तव, नवीन तिवारी , राजीव श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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