गुरु के सानिध्य से ही जागृत होंगी अंतर्मुखी शक्तियां

नवानगर (बलिया) : साधक अपने नित्याभ्यास और गुरुदेव के सानिध्य के प्रकाश से योग बल के माध्यम से अपने श

By Edited By: Publish:Sat, 01 Aug 2015 07:10 PM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2015 07:10 PM (IST)
गुरु के सानिध्य से ही जागृत होंगी अंतर्मुखी शक्तियां

नवानगर (बलिया) : साधक अपने नित्याभ्यास और गुरुदेव के सानिध्य के प्रकाश से योग बल के माध्यम से अपने शरीर में अंतर्मुखी शक्तियों को जागृत करता है। मूलाधार स्वाधिष्ठान आदि के जागृत होते ही शरीर में दिव्य क्रांति के संचार होते हैं। ये विचार है श्री बनखंडी नाथ मठ सेवा समिति के अध्यक्ष स्वामी ईश्वरदास ब्रह्माचारी के। वह डूंहा स्थित परम धाम में चल रहे अद्वैत शिवशक्ति यज्ञ के समापन के अवसर पर नर नारियों के बीच प्रवचन कर रहे थे। यज्ञ का समापन आचार्यों की टोली द्वारा विधिवत पूजन अर्चन के साथ हुआ। इसमें हजारों भक्तों ने भाग लिया। कहा कि यही एक ऐसा साधन है जिससे जीव से शिव, नर से नारायण और ब्रह्मा से परब्रह्म सद्गुरु बन कर जगावलोकित करते हैं। कहा कि समाज, वेद व उपनिषद आदि के अनुसार हमें अपना नित्य कर्म करना चाहिए। सीएम दीक्षित ने कहा कि गुरुदेव का चरण पखार कर उसे माथे पर लगाना मात्र ही भक्ति नहीं है। बल्कि उनके बताए मार्ग का अनुसरण कर हम परमपद के भागी हो सकते हैं। नेहरू जी ने अपनी कविता के माध्यम से गुरुदेव का बखान कर सभी को भावविभोर कर दिया। हरि ब्रह्मचारी, सुभाषचंद दुबे, दिनेश राजभर, विनोद यादव आदि मौजूद थे।

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