पुलिस की मिसिंग सेल..ढूंढते रह जाओगे

बहराइच : यूं तो पुलिस मुखिया का दावा है कि जिले के हर थाने में पुलिस की मिसिंग सेल स्थापित है और वह

By Edited By: Publish:Wed, 15 Oct 2014 09:26 PM (IST) Updated:Wed, 15 Oct 2014 09:26 PM (IST)
पुलिस की मिसिंग सेल..ढूंढते रह जाओगे

बहराइच : यूं तो पुलिस मुखिया का दावा है कि जिले के हर थाने में पुलिस की मिसिंग सेल स्थापित है और वहां पर एक उपनिरीक्षक की तैनाती होती है। लेकिन हकीकत उलट है। थानों पर गुमशुदगी के बाद मिसिंग सेल ढूंढना एक टेढ़ी खीर होती है। या यूं कहा जाय कि पुलिस का मिसिंग सेल ढूंढते रह जाओगे तो गलत न होगा।

वर्ष 2007 से 2013 के आंकड़ों पर गौर करें तो स्थिति साफ हो जाएगी। जिले के 21 थानों में 112 गुमशुदगी दर्ज हुई। जिनमें से पुलिस के मुताबिक 91 की तलाश की गई। इसके विपरीत बच्चों को मुक्त कराने वाली संस्था देहात के आंकड़े इनसे अलग हैं। संस्था के मुख्य कार्यकारी डॉ.जितेंद्र चतुर्वेदी के मुताबिक 2007 की बात छोड़ दीजिए। लंबा समय हो चुका है। अप्रैल 2011 से लेकर सितंबर 2014 के बीच 4292 बच्चों की गुमशुदगी को लेकर कॉल आई। जिसमें से संस्था ने 1,152 की तलाश की और परिजनों व विभिन्न संस्थाओं को सौंप दिया। यहां पुलिस और संस्था के बीच गुमशुदगी के आंकड़ों में बड़ा फासला नजर आ रहा है। जाहिर सी बात है कि कागजी तौर पर भले ही मिसिंग सेल का गठन हो और काम भी तेजी से कर रहा हो, लेकिन हकीकत में थानों पर यह सेल 'एक्टिव' दिखती नजर नहीं आ रही है। बताते चलें कि पांच जुलाई 2012 को तत्कालीन पुलिस महानिदेशक एसी शर्मा ने गुमशुदा बच्चों के संबंध में कार्रवाई के लिए नए नियमों को जारी कर मिसिंग सेल गठित करने के निर्देश दिए थे। जिले के सभी थानों पर मिसिंग सेल है तो पर इन मिसिंग सेल में कौन जिम्मेदार तैनात है? पीड़ित इनसे कहां संपर्क करें? यह एक सवाल है। बाकायदा इसकी जानकारी दी जानी चाहिए, वह नहीं है।

हर थाने में है मिसिंग सेल : एसपी

बहराइच : पुलिस अधीक्षक आरएल वर्मा कहते हैं कि जिले के समस्त थानों में मिसिंग सेल की स्थापना है। इस कार्य के लिए थानों में एक इंस्पेक्टर नामित है। जिले स्तर पर डीसीआरबी(जिला अपराध रिकार्ड ब्यूरो) में समय-समय पर गुमशुदा होने वाले बच्चों का आंकड़ा व इनकी बरामदगी को लेकर हरसंभव प्रयास किए जाते हैं।

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