मनरेगा ने बदल दी तालाबों की सेहत

फखरपुर क्षेत्र में 200 तालाब सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज 150 तालाबों का मनरेगा से कराया जा चुका है सुंदरीकरण

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 10:24 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 10:24 PM (IST)
मनरेगा ने बदल दी तालाबों की सेहत
मनरेगा ने बदल दी तालाबों की सेहत

बहराइच : प्रकृति ने तराई में जल-जंगल के साथ उपजाऊ भूमि का अनमोल उपहार दिया है। क्षेत्र में पानी से लबालब तालाब किसी खूबसूरत स्थान से कम नहीं हैं। अब तालाबों की संख्या भले ही काफी कम रह गई हो, लेकिन वर्तमान में भी कई तालाब जल संरक्षण की नजीर बने हुए हैं। ये तालाब पूरे साल पानी से लबालब रहते हैं।

फखरपुर ब्लॉक के राजस्व अभिलेखों में लगभग 200 तालाब दर्ज हैं। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक पांच साल में लगभग 150 तालाबों का सौंदर्यीकरण कराया गया है। फखरपुर का दहौरा ताल, यादवपुरी के निकट तालाब, माधवपुर का लेदी तालाब, टेंडवामहंत का गंडैला तालाब ऐसा है, जिसमें पूरे साल भर पानी भरा रहता है। बरसात के दिनों में तो इस तालाब में इतना अधिक पानी भर जाता है कि कई बार रोड पर भी पानी चलने लगता है।

इन तालाबों में बारिश का पानी तो संरक्षित होता ही है। इसके अलावा तालाब काफी गहरा होने के कारण भूजल से मिलता रहता है। यही कारण है कि कई बार सूखे की स्थिति पैदा हो जाने के बावजूद यह तालाब कभी नहीं सूखता है। ब्लॉक में मनरेगा का कार्य देख रहे दिनेश तिवारी बताते हैं कि मनरेगा से जल सरंक्षण के तहत बहुत ही अच्छा कार्य किया गया है। पिछले एक वर्ष में 60 तालाबों का सुंदरीकरण कराया गया है। इनमें ज्यादातर में पानी उपलब्ध है।

इनके किनारे लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दिया गया है। कई तालाबों की खूबसूरती लोगों को आकर्षित करती है। यही कारण है कि इस क्षेत्र का जल स्तर काफी ऊंचा है। जल्द होगा गोपीपुर तालाब का कायाकल्प

एपीओ अंकित यादव ने बताया कि खालिदपुर ग्राम पंचायत स्थित गोपी तालाब का जल्द कायाकल्प होगा। इसकी योजना बना ली गई है। यहां से गाद निकालकर तालाब को गहरा किया जाएगा। इसके साथ ही तालाब के किनारे लोगों के बैठने के लिए बेंच, सीढ़ी, पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे रोपित किए जाएंगे, जिससे यह तालाब जल संरक्षण का नजीर बने।

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