ऊर्जा मंत्री करते रहे समीक्षा, आपूर्ति ठप होने से प्रदर्शन करते रहे लोग

सुबह पांच बजे से कटी बिजली 14 घंटे बाद भी नहीं हुई बहाल उद्योगधंधे रहे ठप पानी को तरसे लोग उमस भरी गर्मी ने किया परेशान

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Aug 2020 10:27 PM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 10:27 PM (IST)
ऊर्जा मंत्री करते रहे समीक्षा, आपूर्ति ठप होने से प्रदर्शन करते रहे लोग
ऊर्जा मंत्री करते रहे समीक्षा, आपूर्ति ठप होने से प्रदर्शन करते रहे लोग

संसू, बहराइच : जिले की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है। गुरुवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा वीडियो कांफ्रेंसिग से जिले की बिजली व्यवस्था की समीक्षा करते रहे तो इस दौरान शहर से लेकर गांव तक सुबह पांच बजे से ही बिजली आपूर्ति ठप रही। इससे नाराज लोग डीएम चौराहे के पास जाम लगाकर प्रदर्शन करते रहे। इस दौरान चारों तरफ से आवागमन ठप रहा। पुलिस ने जैसे-तैसे लोगों को शांत कराकर जाम हटवाया।

ऊर्जा मंत्री 11 बजे देवीपाटन मंडल की बिजली व्यवस्था का वीडियो कांफ्रेंसिग से समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान विभाग के उच्चाधिकारी कांफ्रेंसिग में व्यस्त रहे। जब बहराइच का नाम आया तो अधिकारियों ने शहरी क्षेत्र में 24 घंटे, तहसील में 22 व ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति करने का दावा किया, जबकि हकीकत यह रही कि सुबह पांच बजे ही बिजली आपूर्ति गुल हो गई। घंटों इंतजार के बाद उपभोक्ता विभाग के अधिकारियों के सीयूजी नंबर पर फोन मिलाते रहे, लेकिन घंटियां बजती रहीं, अधिकारियों ने जवाब देना तो दूर फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। शाम तक आपूर्ति शुरू न होने पर नाराज शहर के लोग डीएम चौराहे पर एकत्र हो गए। नारेबाजी कर हाईवे जाम कर दिया। इससे वाहनों का आवागमन ठप हो गया। लगभग एक घंटे तक लोग नारेबाजी करते रहे। सड़क जाम होने की सूचना पर पुलिस पहुंची। काफी मशक्कत के बाद लोगों को शांत किया गया। पिछले 24 घंटे से 200 गांवों में भी आपूर्ति ठप है। यह हाल तब है जब ऊर्जा मंत्री स्वयं समीक्षा करते रहे और अधिकारी उन्हें बेहतर बिजली व्यवस्था बताकर गुमराह करते रहे। अधिशाषी अभियंता सदर मुकेश बाबू ने बताया कि बिजली उपकेंद्रों पर खराबी आने से बिजली आपूर्ति में दिक्कतें आई हैं। --------------- चार सब स्टेशन नहीं उठाए लोड - शहर में कलेक्ट्रेट, बशीरगंज, गुल्लावीर व घंटाघर बिजली उपकेंद्र से बिजली आपूर्ति बाधित रही। यहां स्थापित उच्च क्षमता के ट्रांसफार्मर लोड ही नहीं उठा रहे हैं। इंजीनियरों का कहना है कि कई जगह पेड़ की डालियां छूने से स्थिति गंभीर हुई है।

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