5339 गांवों में पहुंची बिजली,जगमग हुए घर
प्रदीप तिवारी, बहराइच : फूस की झोपड़ी, हवाओं के झोंकों से बुझते चिराग, छाए अंधेरे
प्रदीप तिवारी, बहराइच : फूस की झोपड़ी, हवाओं के झोंकों से बुझते चिराग, छाए अंधेरे के बीच ¨जदगी काट रहे गरीब परिवारों की झोपड़ियां अब बिजली से रोशन हो रही हैं। पीएम की ड्रीम सौभाग्य योजना के धरातल पर उतरने से आजादी के बाद से ही बल्व के उजाले का इंतजार कर रहे 5339 गांवों में पहली बार बिजली पहुंचने से ग्रामीणों की उपेक्षा की टीस मिटी है।
भारत-नेपाल सीमा से सटे बहराइच में 1054 ग्राम पंचायतें व 1386 राजस्व गांव हैं। आजादी के बाद से ही 50 फीसद गांवों के लिए बिजली की रोशनी एक सपना बनी रही। इस सपने को साकार करने के लिए पीएम की ड्रीम योजना तराई में कारगर ही नहीं हुई, बल्कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवारों की झोपड़ियों तक बिजली पहुंची है। आंकड़ों के मुताबिक 9064 गांव योजना से आच्छादित किए गए हैं। इनमें 5339 गांवों में पहली बार बिजली के पोल व तार खींचे गए हैं। महसी के घुमनी गांव की 70 वर्षीय नइका देवी कहती हैं कि ¨जदगी के अंतिम पड़ाव पर उनकी फूस की झोपड़िया भी जगमग होने लगी है। जुगनू कहते हैं कि उनका व उनके गांव के 20 लोगों के बिजली मिलने का ख्वाब पूरा हो गया है। 173986 कनेक्शन हुआ जारी
योजना से गांव की नही रोशन हुए है,बल्कि गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों को मुफ्त में कनेक्शन भी बांटे गए हैं। अधिशाषी अभियंता मुकेश बाबू बताते हैं कि 173986 नया कनेक्शन जारी किया गया है। जो गांव रोशन हुए
कैसरगंज तहसील क्षेत्र के हसना, समदापुर, बसंतापुर, देवियापुर, रसूलपुर, हाथीपुरवा, मल्लाहनपुरवा, अवस्थीपुरवा, संग्रामपुरवा, अरई गांव हैं। फखरपुर ब्लॉक में खालेपुरवा, नंदवल, बिजहरा, महसी में घुमनी समेत 12 गांवों में पहली बार बिजली पहुंची है।