दफ्तरों में लटके ताले, कामकाज रहा ठप

बहराइच : केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में कर्मचारी दो दिवसीय महाहड़ताल पर चले गए ह

By JagranEdited By: Publish:Tue, 08 Jan 2019 11:30 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jan 2019 11:30 PM (IST)
दफ्तरों में लटके ताले, कामकाज रहा ठप
दफ्तरों में लटके ताले, कामकाज रहा ठप

बहराइच : केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में कर्मचारी दो दिवसीय महाहड़ताल पर चले गए हैं। कलेक्ट्रेट धरना स्थल पर कर्मचारी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। कर्मचारियों के हड़ताल के चलते सरकारी कार्यालयों में कामकाज ठप रहा। कुछ दफ्तरों में तालाबंदी रही,कुछ में अधिकारी फाइलों को ढूंढ़ते दिखे।

केंद्रीय श्रम संगठनों, औद्योगिक फेडरेशनों व अखिल भारतीय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर जिले के दस प्रमुख संगठनों ने हड़ताल किया। कलेक्ट्रेट धरना स्थल पर कर्मचारियों का नेतृत्व कर रहे कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि सरकार कर्मचारी हितों को नजर अंदाज कर रही है। श्रमिक विरोधी नीतियों का विरोध करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के साथ न्यूनतम वेतनमान 18000 रुपये प्रति माह किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए रोजगार, छठवें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर नहीं किया जा रहा है। फिरोज ईशा सिद्दीकी ने कहा कि स्कीम वर्कर्स को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाना चाहिए। पंकज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रेड यूनियनों का पंजीकरण 45 दिनों में अनिवार्य किया जाना चाहिए। कर्मचारी संगठनों के एकजुट होकर दो दिवसीय महा हड़ताल का असर पहले ही दिन सरकारी कार्यालयों में दिखा। ये संगठन विरोध में उतरे विभिन्न मांगों को लेकर महा हड़ताल में बिजली विभाग, राज्य कर्मचारी महासंघ, मेडिकल एंड सेल्स रिप्रजेंटेटिव एसोसिएशन, आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ समेत दस संगठनों के कर्मचारी शामिल हुए हैं। सहकारी कर्मचारी महासंघ ने भी तरेरी आंख अखिल भारतीय राज्य सहकारी कर्मचारी महासंघ ने भी महा हड़ताल में उतरने की चेतावनी दी है। मंगलवार को डीएम को ज्ञापन देकर लंबित मांगों को पूरा करने की बात कही। एलआइसी में भी हड़ताल मंगलवार को एलआइसी में भी कामकाज ठप रहा। चार सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारियों ने विरोध जताया। महामंत्री रत्नेश ¨सह ने कहा कि प्रीमियम पर लागू जीएसटी को वापस लिया जाए। राममोहन मिश्र ने कहा कि एलआइसी में क्लास थ्री व चतुर्थ के रिक्त पदों पर भर्ती किया जाए।

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