पर्यटकों को लुभाएगा कतर्निया का 'ट्री हट'
बहराइच हिमालय की वादियों में प्राकृतिक सुरम्यता का लुत्फ उठाने के लिए कतर्नियाघाट आने वाले पर्यट
बहराइच
हिमालय की वादियों में प्राकृतिक सुरम्यता का लुत्फ उठाने के लिए कतर्नियाघाट आने वाले पर्यटकों को इको पर्यटन परिसर में गेरुआ नदी के किनारे सेमल के पेड़ पर बनाया गया एक मात्र ट्रीहट लुभाएगा, हालांकि रात्रि विश्राम करने के लिए सैलानियों को अभी इसका किराया तय होने का इंतजार करना होगा। किराया निर्धारण के लिए राज्य मुख्यालय प्रस्ताव भेजा गया है। अनुमान है कि एक रात गुजारने के लिए पर्यटकों को पांच हजार या उससे अधिक धनराशि खर्च करनी पड़ेगी।
कतर्नियाघाट इको पर्यटन परिसर में गेरुआ नदी के किनारे पर्यटकों के रात विश्राम के लिए बनाया गया ट्रीहट आकर्षण का केंद्र है। यह हट जमीन से 40 फीट की ऊंचाई पर लगभग चार मंजिल भवन की ऊंचाई पर सेमल के पेड़ पर बना है। इसके निर्माण में साखू की लकड़ी व डिजाइन सागौन की लकड़ी का बना है। इस हट में पांच बाई 12 फिट की बालकनी है। चार बाई 12 का शयन कक्ष है, जिसमें दो बेड हैं। चार बाई छह का शौचालय भी है। इसका डिजाइन छोटी छोटी पटरोया से जोड़ कर बनाया गया है, जिससे कि झटके न लगे।
डिजाइन प्रभागीय वनाधिकारी आशीष तिवारी तथा निर्माण मुहम्मद इसहाक ने किया है जिसमें 90 दिन लगे। ट्रीहट की लागत सात लाख रुपये है। यह प्रदेश में अपने तरह का पहला ट्रीहट है और देश के पर्यटन केंद्रों में गिने चुने स्थानों पर ही मिलेगा। यहां शाम चार से पांच बजे एवं सूर्योदय के समय नदी पर पक्षियों का कलरव देखते ही बनता है।