ट्रैक्टर पलटने से दो लोग घायल

रविवार को सुबह कांधला से रहीसू व अमजद निवासी कांधला पूर्वी यमुना नहर पटरी के करीब ट्रैक्टर पलटने से दो लोग घायल हो गये।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 12:34 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 12:34 AM (IST)
ट्रैक्टर पलटने से दो लोग घायल
ट्रैक्टर पलटने से दो लोग घायल

जेएनएन, बागपत : रविवार को सुबह कांधला से रहीसू व अमजद निवासी कांधला पूर्वी यमुना नहर पटरी से होते हुए ट्रैक्टर से बड़ौत जा रहे थे। वे बरवाला गांव के पास पहुंचे, तभी ट्रैक्टर अचानक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गया। ट्रैक्टर के नीचे चालक रहीसू व अमजद दब गए। राहगीरों ने किसी तरह दोनों घायलों को ट्रैक्टर के नीचे से बाहर निकाला और बड़ौत के अस्पताल में भर्ती कराया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों के स्वजन को हादसे की जानकारी दी। इंस्पेक्टर रवेंद्र यादव का कहना है कि हादसे की तहरीर नहीं आई है। एनएच और खेकड़ा में पुलिस ने काटे 21 चालान खेकड़ा : पुलिस की सख्ती के बाद भी कुछ लोग लाकडाउन कोरोना नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे लोगों की लापरवाही से कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। लाकडाउन व नियम पालन के लिए इंस्पेक्टर शिव प्रकाश सिंह ने दिल्ली-यमुनोत्री नेशनल हाइवे की पाठशाला व डूंडाहेड़ा चौकी पर चेकिग अभियान चलाया। उन्होंने एनएच पर नियम उल्लंघन करने वाले 10 वाहन चालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की। इसके बाद टीम ने बड़ागांव चौकी व खेकड़ा में चेकिग अभियान चलाया। पुलिस ने 11 चालक पर कार्रवाई की। पुलिस कार्रवाई से नियम उल्लंघन करने वालों में हड़कंप मचा रहा।

सरकार महंगाई को काबू में

करे, किसान हो रहे हलकान

रमाला : किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने कहा कि हाल ही में रासायनिक खाद डीएपी एवं एनपीके पोटाश सल्फर आदि 58 प्रतिशत तक की मूल्य वृद्धि लागू कर सरकार किसानों की कमर तोड़ने का काम कर रही है। भारतीय इतिहास में आज तक इतनी बड़ी मूल्य वृद्धि रासायनिक खादों में नहीं की गई है, जबकि कोरोना काल में दो सालों से खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता बनाए रखते हुए किसानों ने कृषि जीडीपी में भी लगातार वृद्धि की है।

कासिमपुर खेड़ी गांव में प्रेस नोट जारी कर राजेन्द्र सिंह ने बताया कि कृषि प्रधान देश में यदि किसान ही सु²ढ़ नहीं होगा तो देश कैसे संपन्न होगा। ऐतिहासिक मूल्य वृद्धि का पुरजोर विरोध किया जाएगा, जिससे किसान व देश भूखमरी से बच सके। तीन वर्षों में सरकार ने गन्ना मूल्य में एक पैसा भी नहीं बढ़ाया है, जबकि डीजल मूल्य, बिजली बिल, रासायनिक खाद, लेबर एवं दवाइयों पर बढ़ोत्तरी आने से उत्पादन लागत बढ़ती जा रही है। इस कारण किसान बैंक लोन भी समय से जमा नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि देश हित में मंहगाई को वापस लेना चाहिए।

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