अपने गांव बावली से लेकर चम्पारण तक चलाई सुमन ने झाड़ू
जहीर हसन, बागपत: बापू से प्रेरित होकर सुमन ने स्वच्छता की ऐसी कमान थामी कि पूरा गांव खुले
जहीर हसन, बागपत:
बापू से प्रेरित होकर सुमन ने स्वच्छता की ऐसी कमान थामी कि पूरा गांव खुले में शौच मुक्त हो गया। बागपत ही नहीं, बल्कि बिहार के चम्पारण तक में स्वच्छता पर धूम मचाकर हर किसी को कायल कर दिया। गर्मी हो चाहे जाड़ा या फिर बरसात, स्वच्छता पर उनके कदम नहीं ठहरते। महिला हो चाहे पुरुष, हर किसी को समझाती हैं कि शर्माइए जनाब..घर के बाहर कूड़ा पड़ा है।
दो साल पहले पीएम मोदी के मन की बात में उन्होंने सुना कि बापू देश को स्वच्छ भारत बनाना चाहते थे। यह सुनकर बावली गांव की 47 वर्षीय सुमन ने स्वच्छ भारत मिशन को अंजाम तक पहुंचाने की ठान ली। अपने पड़ोस की महिलाओं को समझाया कि तरक्की चाहिए तो स्वच्छ बनिए। बात इज्जत की करती हो, लेकिन ढोती हो खुले में शौच जाने का कलंक। घूंघट से नहीं, बल्कि घर में शौचालय बनवाने से इज्जत बढ़ेगी। उनकी बातों का असर हुआ कि वंचित घरों में शौचालय बन गए। पड़ोस की सफलता से उनका हौसला बढ़ा तो दूसरे मोहल्लों में जाकर काम शुरू कर दिया। मेहनत रंग लाई और प्रधान तथा ग्रामीणों के सहयोग से 300 घरों में शौचालय बनवाने में कामयाब रहीं। बावली गांव खुले में शौच मुक्त हो गया। फिर सुमन ने पास के गांव जिवानी में अपनी स्वच्छता की मुहिम को धार देनी शुरु कर दी।
स्वच्छता की महत्ता बताई तो जिवानी में 61 परिवारों पर ऐसा असर हुआ कि देखते ही देखते सभी ने शौचालय बनवाकर खुले में शौच जाना बंद कर दिया। बिराल गांव में स्वच्छता पर काम कर दर्जनों महिलाओं ने प्रेरित होकर शौचालय बनवाए। सरकारी तंत्र को भी उनका काम इतना पसंद आया कि अफसर सराहना किए बिना नहीं रहे। तत्कालीन सीडीओ चांदनी ¨सह उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं। पंचायत राज विभाग ने उनकी बेहतरीन समाज सेवा को देख गत अप्रैल को बिहार के चम्पारण में स्वच्छता पर काम करने को भेजी। सुमन ने एक से नौ अप्रैल तक वहां दो दर्जन गांवों का दौरा कर महिलाओं को समझाया कि महात्मा गांधी यानी बापू जी ने 10 अप्रैल 1917 को पहला सत्याग्रह चम्पारण से ही शुरू किया, फिर आप इतनी महान धरती पर बापू के स्वच्छता के विचार की रोशनी फैलाने में क्यों पीछे हैं? चम्पारण की महिलाओं पर सुमन का जादू चल गया और आधा दर्जन परिवारों ने शौचालय बनवाकर खुले में शौच जाना बंद कर दिया। सुमन कहतीं है कि घर-घर खाली बोरी उपलब्ध कराने का प्लान है ताकि लोग उसमें अपना कूड़ा भरकर सफाई कर्मी को थमा दें। इन्होंने कहा..
स्वच्छता में बावली की सुमन का काम लाजवाब है। सैकड़ों परिवारों ने उनसे ही प्रेरित होकर शौचालय बनवाए हैं।
-आलोक शर्मा, डीपीआरओ।