प्राचीन पांडुलिपियों को जैन मुनियों ने बताया वैश्विक स्तर की दुर्लभ संपदा

बागपत जेएनएन। प्रवर्तक आशीष मुनि महाराज ने उत्तम मुनि के साथ शहजाद राय शोध संस्थान में संग्रि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 11:40 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 11:40 PM (IST)
प्राचीन पांडुलिपियों को जैन मुनियों ने बताया वैश्विक स्तर की दुर्लभ संपदा
प्राचीन पांडुलिपियों को जैन मुनियों ने बताया वैश्विक स्तर की दुर्लभ संपदा

बागपत, जेएनएन। प्रवर्तक आशीष मुनि महाराज ने उत्तम मुनि के साथ शहजाद राय शोध संस्थान में संग्रहित पुरातात्विक संपदा का निरीक्षण किया। वहां मौजूद प्राचीन पांडुलिपियों को वैश्विक स्तर की दुर्लभ सामग्री बताया।

संस्थान का निरीक्षण बाद प्रवर्तक आशीष मुनि ने बताया कि संपूर्ण विश्व में ताम्र युगीन सभ्यता की सामग्री अत्यंत दुर्लभ मानी गई है, जिसका बहुत सलीके और करीने से संस्थान में संग्रह किया गया है। प्राचीन साहित्यिक हस्तलिखित सामग्री किसी भी शोध संस्थान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई है, जिसका विपुल मात्रा में संग्रहण देखकर काफी प्रसन्नता हुई। इस दौरान संस्थान के निदेशक डा. अमित राय जैन ने जैन मुनियों को बताया कि संस्थान के स्थापना काल से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इतिहास, संस्कृति और साहित्य को वैश्विक स्तर पर सामने लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में संस्थान में समय-समय पर अनेक बुद्धिजीवी वैचारिक समूह आते रहे हैं। इस मौके पर सुरेश चंद जैन, अनुराग जैन, राशि जैन, डा. आंचल जैन आदि मौजूद रहे।

खुद बूंदें सहेजें और दूसरों को प्रेरित करें: स्मृति

जागरण संवाददाता, बागपत: मंगलवार को बागपत ब्लाक कार्यालय पर अटल भूजल योजना के तहत गोष्ठी में बीडीओ स्मृति अवस्थी ने कहा कि खुद भी बारिश का पानी जमींदोज करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। जिस तेजी से भूजल गिरा है वह चिता का विषय है।

हर किसी को बारिश का पानी बेकार बहने से रोकना होगा तथा अति भूजल दोहन से बचना होगा। गोष्ठी में बागपत ब्लाक के गांवों में ग्रामीणों को जागरूक करने का संकल्प लिया है। अवर अभियंता लघु सिचाई विपिन त्यागी, कुणाल विश्वकर्मा, अमित श्रीवास्तव और अनेक गांवों के प्रधान मौजूद रहे।

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