राजकीय पशु पाली क्लीनिक सुविधाओं के अभाव में फांक रहा धूल

बिजरौल गांव में करोड़ों रुपये की लागत से बना राजकीय पशु पोली क्लीनिक सुविधाओं के अभाव में धूल फांक रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 08:41 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 08:41 PM (IST)
राजकीय पशु पाली क्लीनिक सुविधाओं के अभाव में फांक रहा धूल
राजकीय पशु पाली क्लीनिक सुविधाओं के अभाव में फांक रहा धूल

बागपत, जेएनएन। बिजरौल गांव में करोड़ों रुपये की लागत से बना राजकीय पशु पोली क्लीनिक सुविधाओं के अभाव में धूल फांक रहा है। क्लीनिक में जहां चिकित्सकों की भारी कमी है। वहीं सफाई कर्मी भी तैनात नहीं हैं। वर्षों पहले बने क्लीनिक में एक्सरे और अल्ट्रासाउंड मशीन न होने से बड़े जानवरों को उपचार नहीं मिल पा रहा है। वहीं शरारती तत्व क्लीनिक में आए दिन तोड़फोड़ करते रहते है। चिकित्सकों का कहना है कि सिक्योरिटी गार्ड न होने से चोरी का खतरा बना रहता है।

बता दें कि जिले में पशुओं को बेहतर उपचार दिलाने को बिजरौल गांव में करोड़ों रुपये की लागत से 2006 में 65 कमरों का पशु पोली क्लीनिक बनवाया गया था, लेकिन क्लीनिक पर सफाई कर्मचारी तैनात नहीं होने से यहां चारों कोनों में गंदगी फैली है। ग्राउंड में घास उग आई है। पशु क्लीनिक पर 2014 में डॉक्टर की तैनाती की गई। वर्तमान में यहां तीन डॉक्टर, एक स्टोर कीपर और तीन स्टॉफ चतुर्थ क्लास के अटैच किए गए हैं। क्लीनिक पर माइक्रोस्कोप, ऑटो क्लेव, बेसिक सर्जिकल सैट आदि मौजूद है।

एडवांस सर्जरी के लिए एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी नहीं होने से बड़े जानवरों को उपचार नहीं मिल पा रहा है। कहा कि क्लीनिक में चोरों द्वारा दो बार चोरी का प्रयास किया जा चुका है।

पशु चिकित्सा अधिकारी पवित्र जीत सिंह का कहना है कि क्लीनिक और स्टाफ की सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी गार्ड तैनात होना चाहिए। उधर, सीवीओ डॉ. खुशी राम का कहना है कि शासन को डिमांड भेजी गई है। बजट मिलते ही सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

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एमरजेंसी के लिए डॉक्टर रहे मौजूद

राजकीय पशु क्लीनिक पर सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक डॉक्टर तैनात रहते हैं, लेकिन रात में क्लीनिक पर कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं रहता। जिससे ग्रामीणों को प्राइवेट डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि एमरजेंसी में क्लीनिक पर 24 घंटे एक डॉक्टर की तैनाती होनी चाहिए।

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सुरक्षा गार्ड हो तैनात

पशु चिकित्सकों का कहना है कि चोर दो बार कमरों के ताले तोड़कर चोरी का प्रयास कर चुके है, जिसकी एफआइआर भी दर्ज कराई जा चुकी है। वहीं शरारती तत्व आए दिन क्लीनिक में तोड़फोड़ करते रहते है। बल्ब, पानी सप्लाई की पाइप, जंगले आदि तोड़ते रहते है।

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क्लीनिक पर लगे विभिन्न उपकरण

डॉक्टरों का कहना है कि सर्जरी और ऑपरेशन आदि के लिए क्लीनिक पर एक्सरा, अल्ट्रासाउड व लैब की सुविधा होनी चाहिए। ताकि बड़े पशुओं को भी उपचार मिल सके। अभी छोटे जानवर जैसे कुत्ता, बिल्ली आदि का उपचार किया जा रहा है।

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