एक-एक कर मौत के मुंह में समा गए तीनों भाई

By Edited By: Publish:Thu, 17 Oct 2013 12:01 AM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2013 12:02 AM (IST)
एक-एक कर मौत के मुंह में समा गए तीनों भाई

बदायूं : मैंथा प्लांट का टैंक तीन सगे भाइयों को मौत का कुआं साबित हुआ। टैंक में जहरीली गैस बनने से तीन भाइयों की एक-एक कर मौत हो गई। एक-दूसरे को बचाने पहुंचे तीन भाई मौत के मुंह में समा गए।

मिर्जापुर निवासी स्व. सियाराम के चार पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र ओमपाल उससे छोटा वीरपाल फिर उदयपाल और सबसे छोटा पुत्र रतनपाल था। चारों भाई की खेतीबाड़ी शामिल होने के साथ-साथ एक ही चूल्हे पर खाना बनता है। मंगलवार को चारों भाइयों ने तेल निकलवाने के लिए तुलसा का लांक मैंथा प्लांट पर डाला था। बुधवार सुबह को उदयपाल अपने बडे़ भाई वीरपाल व उसके साढू नेकपाल के साथ प्लांट पर तुलसा का तेल निकालने गया था। उदयपाल ने जैसे ही टैंक का ढक्कन खोलकर वह सीढ़ी के सहारे टैंक में उतरा कि बेहोश होकर गिर पड़ा। उसके बाद उसे बचाने टैंक में उतरा उसका बड़ा भाई वीरपाल और बाद में दोनों छोटे भाइयों को बचाने उनका बड़ा भाई ओमपाल मौत के मुंह में समा गया। तीनों भाई को प्लांट का टैंक मौत का कुआ साबित हुआ।

प्लांट स्वामी कर रहा था खेत में कार्य

-मैंथा प्लांट स्वामी मोती लाल से मंगलवार को चारों भाइयों ने तुलसा का तेल निकलवाने को कहा था। मोती लाल ने कहा कि प्लांट पर लेवर नहीं है इसलिए तेल नहीं निकल पाएगा। इस पर चारों भाइयों ने कहा कि हम स्वयं तेल निकाल लेंगे। चूंकि एक ही बिरादरी और गांव का मामला था इसलिए मोतीलाल चारों भाइयों से मना नहीं कर सका। बुधवार को मोती लाल प्लांट के पास अपनी फसल में पानी लगा रहा था कि उदयपाल व वीरपाल तुलसा को तेल निकालने प्लांट पर पहुंच गए। दोनों भाइयों की टैंक में मौत होने के बाद चीख पुकार सुनकर मोती लाल वहां पहुंचा।

टैंक में बन गई थी मीथेन व कार्बन डाई आक्साइड गैस

बदायूं : जिला अस्पताल के एनेस्थेटिस्ट परामर्शदाता डा. अमित वाष्र्णेय ने बताया कि किसी भी क्लोज चैम्बर में मीथेन व कार्बन डाई आक्साइड गैस बन जाती हैं। जिसमें ऑक्सीजन गैस निष्चेतक हो जाती है। ऐसे में बंद चैम्बर में उतरते वक्त मास्क सहित ऑक्सीजन के कैरियर सिलेंडर के साथ घुसना चाहिए। मीथेन गैस प्राकृतिक और तीव्र जहरीले गैस होती है। जो सीधा मनुष्य के फेफडे़ व दिल पर अटैक करती है। जिससे दिल की धड़कनें रूक जाती हैं। जिससे करीब 15 मिनट में मनुष्य की मौत हो जाती है। अगर समय रहते चैम्बर में फंसे मनुष्य को बाहर निकालकर उसे उपचार मिल जाए तो उसे बचाया जा सकता है।

तीनों का बिसरा प्रिजर्व

बदायूं : पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तीनों सगे भाइयों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने पर चिकित्सकों ने बिसरा प्रिजर्व किया गया। लैब में जांच के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा। हालांकि जहरीले गैस से तीनों की मौत होने के लक्षण मिले हैं।

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